रिपोर्ट: गोपाल शुक्ला, हरदा
हरदा शहर इस समय भीषण जल संकट की मार झेल रहा है। गर्मी के बढ़ते प्रकोप के बीच अजनाल नदी का जलस्तर लगभग शून्य पर पहुंच चुका है। बिरजाखेड़ी पंप से जल आपूर्ति ठप हो गई है, जिससे शहर के 10,000 से अधिक परिवारों को पीने के पानी और दैनिक आवश्यकताओं के लिए भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
जल संकट की जड़ में प्रशासन की लापरवाही
हर वर्ष गुप्तेश्वर मंदिर के पास स्थित स्टॉप डैम के गेट समय पर बंद कर नदी के जलस्तर को बनाए रखा जाता था। मगर इस बार नगर पालिका की लापरवाही के कारण गेट समय पर बंद नहीं किए गए, जिसके चलते नदी का पानी बहकर निकल गया और जलस्तर शून्य के करीब पहुंच गया।
प्रभावित क्षेत्र
शहर के कई वार्ड जल संकट की चपेट में हैं, जिनमें प्रमुख रूप से वार्ड क्रमांक 13, 14, 15, 20, 21, 22, 23, 29 और 30 शामिल हैं। इन इलाकों में नागरिकों को बूंद-बूंद पानी के लिए तरसना पड़ रहा है।
नेता प्रतिपक्ष का तीखा हमला और मांगों का ज्ञापन
नेता प्रतिपक्ष श्री अमर रोचलानी ने नगर पालिका की निष्क्रियता को जनता के अधिकारों की खुली अनदेखी करार दिया। उन्होंने कहा:
“हर वर्ष की तरह यदि स्टॉप डैम के गेट समय पर बंद कर दिए जाते, तो आज यह संकट नहीं आता। यह महज लापरवाही नहीं, बल्कि प्रशासनिक संवेदनहीनता का स्पष्ट प्रमाण है।”
श्री रोचलानी ने जिला कलेक्टर से निम्नलिखित मांगें रखीं:
- नगर पालिका अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में तत्काल आपात बैठक बुलाई जाए।
- स्टॉप डैम के गेट तुरंत बंद कर बचे हुए जल का संरक्षण किया जाए।
- प्रभावित वार्डों में जल टैंकरों की संख्या बढ़ाई जाए और नियमित आपूर्ति सुनिश्चित की जाए।
- बोरवेल, कुएं, निजी स्रोतों आदि वैकल्पिक जल स्रोतों की व्यवस्था की जाए।
- जिम्मेदार अधिकारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई हो।
- शहर के लिए दीर्घकालीन जल प्रबंधन योजना बनाई जाए और शीघ्र क्रियान्वयन हो।
घेराव की चेतावनी
श्री रोचलानी ने चेतावनी दी कि यदि प्रशासन ने जल्द कदम नहीं उठाए, तो कांग्रेस पार्षदगण और नागरिक नगर पालिका का घेराव कर जोरदार जनआंदोलन करेंगे, जिसकी पूरी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।
हरदा की जनता अब राहत की उम्मीद लगाए बैठी है—देखना होगा कि प्रशासन कितनी तत्परता से इस गंभीर संकट से निपटता है।
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