तेज आंधी में तेंदू का पेड़ घर पर गिरा, किचन पूरी तरह तबाह — पिता और दो बेटियां बाल-बाल बचीं, पीड़ित परिवार ने मुआवजे की लगाई गुहार

निखिल वखारिया


गरियाबंद। आज शाम करीब 4 बजे अचानक आए तेज आंधी-तूफान ने ग्राम गरगट्टी परसूली निवासी पिला लाल दीवान, पिता सखाराम दीवान के परिवार के लिए बड़ी मुसीबत लेकर आ गया। तेज हवा के साथ आए तूफान के दौरान एक विशाल तेंदू का पेड़ उनके मकान पर आकर गिर गया, जिससे रसोईघर (किचन) पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया। हालांकि, इस दुर्घटना में कोई जनहानि नहीं हुई, लेकिन स्थिति अत्यंत भयावह थी।

घटना के वक्त कमरे में मौजूद थे पिता और दो बेटियां
हादसे के समय पिला लाल दीवान अपने घर के एक अन्य कमरे में अपनी दो छोटी बेटियों के साथ मौजूद थे। जैसे ही पेड़ गिरने की जोरदार आवाज हुई, पूरे परिवार में दहशत फैल गई। यदि वे उस समय किचन में होते, तो एक बड़ी दुर्घटना से इंकार नहीं किया जा सकता था। परिवार ने भगवान का शुक्रिया अदा किया कि वह सभी सुरक्षित बच गए।

पेड़ गिरते ही उड़ी छप्पर , मलबे में दब गया किचन
तेज आंधी में कमजोर हो चुका तेंदू का पेड़ जड़ से उखड़कर घर की छत पर गिरा, जिससे किचन की छप्पर उड़ गई और पूरा कमरा मलबे में दब गया। घर का यह हिस्सा अब पूरी तरह उपयोग लायक नहीं रह गया है।

“मुश्किल से बनाया था घर, अब दोबारा बनाना नामुमकिन” — पीड़ित की व्यथा
पिला लाल दीवान ने बताया कि उन्होंने वर्षों तक मेहनत-मजदूरी कर यह छोटा-सा घर खड़ा किया था। अब किचन पूरी तरह से टूट चुका है और आर्थिक स्थिति इतनी कमजोर है कि वह इसे फिर से बनाने में सक्षम नहीं हैं। उन्होंने प्रशासन से सहायता राशि और मुआवजे की मांग की है ताकि दोबारा अपने परिवार को सुरक्षित आश्रय दे सकें।

ग्रामीणों में चिंता का माहौल, सुरक्षा को लेकर उठे सवाल
इस घटना ने गांव के अन्य लोगों को भी चिंता में डाल दिया है। ग्रामीणों का कहना है कि गांव में कई पुराने और जर्जर पेड़ घरों के पास खड़े हैं, जो भविष्य में इसी तरह के हादसों का कारण बन सकते हैं। उन्होंने मांग की है कि ऐसे पेड़ों की सूची बनाकर उन्हें हटाया जाए ताकि भविष्य में जान-माल की हानि से बचा जा सके।


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Nikhil Vakharia

Nikhil Vakharia

मुख्य संपादक

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