पीपल्स मेडिकल कॉलेज, भोपाल से इंटरशिप पूर्ण कर चिकित्सा जगत में रखा पहला सशक्त कदम
कुक्षी-कुक्षी नगर और समस्त सिर्वी समाज के लिए यह अत्यंत गर्व और हर्ष का विषय है कि नगर के प्रतिभाशाली युवक तरुण सेप्टा ने अपनी कठिन मेहनत, अनुशासन, और समर्पण से MBBS की डिग्री प्राप्त कर एक नई मिसाल कायम की है। उन्होंने मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल स्थित प्रसिद्ध पीपल्स मेडिकल कॉलेज से अपनी चिकित्सा शिक्षा सफलतापूर्वक पूर्ण की और अब डॉक्टर के रूप में समाज और राष्ट्र की सेवा के लिए तत्पर हैं।
पारिवारिक पृष्ठभूमि: संस्कारों और सेवा की प्रेरणा
डॉ. तरुण सेप्टा एक ऐसे परिवार से आते हैं, जहाँ शिक्षा, सेवा और सामाजिक कार्य को सर्वोपरि माना जाता है।
- वे सिर्वी समाज कुक्षी के पूर्व अध्यक्ष श्री गोमाजी सेप्टा के सुपौत्र हैं, जिन्होंने समाज को एकजुट करने में अहम भूमिका निभाई।
- उनके पिता श्री जयंतीलाल सेप्टा, नगर कुक्षी के प्रतिष्ठित व्यवसायी हैं और बालाजी इलेक्ट्रॉनिक्स के संस्थापक हैं, जिन्होंने व्यापारिक क्षेत्र में एक विशिष्ट पहचान बनाई है।
- साथ ही, वे युवा संगठन कुक्षी तहसील अध्यक्ष एवं नगर मंडल अध्यक्ष युवराज सेप्टा के भतीजे हैं, जो युवा वर्ग को प्रेरणा देने का कार्य कर रहे हैं।
तरुण की इस उपलब्धि में न केवल उनका व्यक्तिगत परिश्रम शामिल है, बल्कि उनके परिवार का मार्गदर्शन, संस्कार और समर्थन भी एक मजबूत आधार रहा है।
शिक्षा के पथ पर कठिन परिश्रम
डॉ. तरुण सेप्टा ने चिकित्सा जैसे चुनौतीपूर्ण क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए दिन-रात परिश्रम किया। नीट जैसी कठिन प्रतियोगिता परीक्षा में सफलता प्राप्त कर उन्होंने पीपल्स मेडिकल कॉलेज, भोपाल में दाखिला लिया और वर्षों की कठिन पढ़ाई और प्रशिक्षण के बाद अब एक कुशल MBBS डॉक्टर के रूप में सामने आए हैं। इंटर्नशिप के दौरान उन्होंने विभिन्न जटिल परिस्थितियों में मरीजों की सेवा कर व्यावहारिक अनुभव भी प्राप्त किया।
समाज में खुशी की लहर, बधाइयों का तांता
इस महान उपलब्धि पर कुक्षी ही नहीं, अपितु समस्त सिर्वी समाज गौरवान्वित है।
अखिल भारतीय सिर्वी महासभा के प्रदेश महासचिव व सकल पंच समिति अध्यक्ष कांतिलाल गेहलोत, प्रदेश संरक्षक कैलाश काग (रेटकुआ), प्रदेश शिक्षा सचिव नरेंद्र सीरवी, परगना अध्यक्ष प्रकाश भायल, पार्षद संजय सीरवी, पार्षद ज्योति धर्मेंद्र काग सहित सर्व श्री कुक्षी सिर्वी समाज के सभी गणमान्य सदस्यों ने डॉ. तरुण सेप्टा को शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि—
“यह सफलता न केवल तरुण की व्यक्तिगत विजय है, बल्कि यह समस्त युवाओं के लिए एक प्रेरणास्त्रोत है। तरुण जैसे होनहार युवा ही समाज को नई दिशा देने का कार्य कर रहे हैं।”
भविष्य की ओर उम्मीदें
अब जब डॉ. तरुण सेप्टा चिकित्सा के क्षेत्र में प्रवेश कर चुके हैं, समाज को उनसे कई अपेक्षाएँ हैं। यह विश्वास है कि वे आने वाले वर्षों में चिकित्सा सेवा के क्षेत्र में नई ऊँचाइयाँ प्राप्त करेंगे, और समाज के जरूरतमंद लोगों को निःस्वार्थ सेवा प्रदान करेंगे। उनका समर्पण और संवेदनशीलता निश्चित रूप से उन्हें एक आदर्श चिकित्सक बनाएगी।
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