Marriage losing its value

क्या भारत में विवाह एक असफल संस्था बनते जा रहा है ?

🖊 नमन शाह,मनुस्मृति में संस्कृत का एक श्लोक है – “सन्तुष्टो भार्यया भर्ता भर्त्रा भार्या तथैव च यस्मिन्नेव नित्यं कल्याणं तत्र वै ध्रुवम् ” – अर्थात् जिस परिवार में पति-पत्नी खुश रहते हैं, वहां हमेशा सुख-समृद्धि बनी रहती है|भारत में विवाह को हमेशा से एक पवित्र और स्थायी बंधन माना गया है, जो न केवल…

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