निखिल वखारिया
रायपुर। राज्य में 5वी-8वी बोर्ड की परीक्षाएं फिर शुरू करने के आदेश से शिक्षा में बड़े घोटाले का भंडाफोड़ हुआ है। प्रदेश के कई इंग्लिश मीडियम स्कूलों मैं यह घोटाला सालों से चल रहा था। यहां पेरेंट्स से बच्चों को सीबीएसई बोर्ड की पढ़ाई करने के नाम पर पैसे वसूले जा रहे थे। अब जब शिक्षा विभाग ने पांचवी आठवीं की बोर्ड परीक्षाएं दोबारा शुरू करने का आदेश निकाला है तो पता चला कि इनका सीबीएसई बोर्ड में पंजीयन ही नहीं है। ऐसे में अब यह बच्चे सीजी बोर्ड की परीक्षा दिलाएंगे। सवाल यह भी है कि क्या बच्चों को वाकई सीबीएसई की पुस्तकें पढ़ाई जा रही थी या फिर सीजी बोर्ड!
लोक शिक्षण संचालनालय छत्तीसगढ़ द्वारा समस्त जिला शिक्षा अधिकारीयों को दिशा निर्देश :-
डोनेशन के नाम पर लाखों रुपए ऐंठे, अब ठेंगा
राज्य में कई स्कूल सीबीएसई की मान्यता का दावा कर पालकों से एडमिशन के समय मोटी रकम वसूल रहे हैं। अब तक मिडिल तक जनरल पास सिस्टम चल रहा था। ऐसे में पता नहीं था कि स्कूलों का पंजीयन कहां है। अब जब छोटी कक्षाओं के बोर्ड परीक्षा दोबारा शुरू करने का आदेश आया है तो इन स्कूलों का सच सामने आया। दरअसल, सीबीएसई और सीजी बोर्ड की परीक्षाएं अलग होती हैं। कई इंग्लिश स्कूलों की परीक्षाएं अब छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल की ओर से जारी टाइम टेबल के मुताबिक होनी है। सेंट्रल बोर्ड के नाम पर लाखों रुपए डोनेशन वसूलने वाले स्कूलों का भेद खुलने से पैरेंट्स खासे आक्रोशित हैं।
माफियाओं के खेल को विभाग से संरक्षण
बताते हैं कि स्कूलों की अवैध गतिविधियों की शिकायत बीते एक साल से शिक्षा सचिव, डीपीआई से डीईओ तक पहुंच रही थी। दस्तावेजी प्रमाण भी सौंपे गए हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। इस घोटाले से जहां शिक्षा माफिया करोड़ों में खेल रहे हैं, वहीं बच्चों का भविष्य दांव पर लग चुका है।