निखिल वखारिया
ठेकेदारों पर ब्लैकलिस्टिंग की मांग, थर्ड पार्टी ऑडिट की भी सिफारिश
दीवा शहर में सड़क और गटर निर्माण के लिए 15 करोड़ 89 लाख 45 हजार 12 रुपये की लागत से मंजूर किए गए कार्य में भारी भ्रष्टाचार होने का आरोप लगाया गया है। यह ठेका मा. मुंबादेवी देवी एंटरप्राइज को दिया गया था, जिसकी स्वीकृति ठाणे महानगरपालिका ने 11 अक्टूबर 2024 को दी थी।
इस कथित घोटाले का खुलासा शिवसेना (उद्धव बालासाहेब) के दीवा शहर प्रमुख श्री नागेश पवार और RTI कार्यकर्ता मा. अरविंद कोठारी ने किया। उन्होंने ठाणे महानगरपालिका आयुक्त सौरभ राव से मुलाकात कर निर्माण कार्यों में की जा रही धांधली के सबूत पेश किए।
कहां हुई गड़बड़ी?
- गटर के स्लैब तोड़कर हाइट 4 से 12 इंच तक बढ़ाई गई, फिर दोबारा बनाया गया।
- कुछ स्थानों पर केवल ऊपरी सतह सुधारकर इसे नया दिखाने की कोशिश की गई।
- गटर की दोनों दीवारों को 1-1 मीटर तक नया बनाने का प्रावधान था, लेकिन इसे नजरअंदाज कर दिया गया।
- गटर की पूरी तरह से सफाई नहीं की गई, न ही नीचे स्लैब डाले गए।
- गलत निर्माण के कारण बारिश के दौरान जलभराव और दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ गया है।
मांगें और कार्रवाई
- काम की उचित जांच और थर्ड पार्टी ऑडिट कराया जाए।
- ठेकेदारों पर उचित पेनाल्टी लगाई जाए और उन्हें ब्लैकलिस्ट किया जाए।
- भविष्य में गुणवत्ता नियंत्रण के लिए सख्त निगरानी रखी जाए।
शिवसेना (उद्धव) और RTI कार्यकर्ता की इस शिकायत पर ठाणे महानगरपालिका आयुक्त सौरभ राव ने गंभीरता से संज्ञान लेते हुए उचित जांच और कार्रवाई का आश्वासन दिया है। दीवा शहरवासियों को उम्मीद है कि इस भ्रष्टाचार के खिलाफ ठोस कदम उठाए जाएंगे।
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