निखिल वखारिया
गरियाबंद-नगर निकाय चुनाव के परिणाम 15 फरवरी को घोषित किए जाएंगे, जिसके तुरंत बाद उपाध्यक्ष पद के लिए चुनाव होगा। भाजपा ने चुनाव से पहले ही जिले के सभी नगर निकायों में पर्यवेक्षकों की नियुक्ति कर दी है, जबकि कांग्रेस अब तक कोई ठोस निर्णय नहीं ले पाई है।
भाजपा की रणनीति दो कदम आगे
भाजपा का संगठन कांग्रेस से दो कदम आगे नजर आ रहा है। परिणाम घोषित होने से पहले ही भाजपा ने अपने उम्मीदवारों की जीत सुनिश्चित करने के लिए पर्यवेक्षकों की तैनाती कर दी है। इससे साफ जाहिर होता है कि भाजपा किसी भी कीमत पर अपने प्रत्याशी को उपाध्यक्ष पद तक पहुंचाना चाहती है। दूसरी ओर, कांग्रेस अभी तक निर्णय नहीं ले पाई है कि वह इस चुनाव में किस रणनीति के साथ आगे बढ़ेगी।
गरियाबंद में अब्दुल गफ्फार मेमन की बड़ी भूमिका

भाजपा ने गरियाबंद नगर पालिका में अब्दुल गफ्फार मेमन, आशीष शर्मा और अजय रोहरा को पर्यवेक्षक नियुक्त किया है। यह भी पहले से अनुमान लगाया जा रहा था कि पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष अब्दुल गफ्फार मेमन इस चुनाव में “किंगमेकर” की भूमिका निभाने वाले हैं। भाजपा संगठन ने इसे लेकर कोई देरी नहीं की और उन्हें उपाध्यक्ष चुनाव में पर्यवेक्षक के तौर पर नियुक्त कर दिया है।

अन्य नगर पंचायतों में भी पर्यवेक्षक नियुक्त
- राजिम नगर पंचायत: रिकेश साहू, लाला साहू और लोकनाथ साहू
- फिंगेश्वर नगर पंचायत: मनीष हरित, राजू साहू और जगदीश यदु
- देवभोग नगर पंचायत: कुंजबिहारी बेहरा, सुधीर पटेल और जगमोहन पटेल
भाजपा संगठन ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह किसी भी हाल में नगर निकायों में अपनी स्थिति मजबूत करना चाहती है और इसके लिए उसने अभी से पूरी तैयारी कर ली है।
कांग्रेस की स्थिति अनिश्चित
जहां भाजपा पूरी तरह से सक्रिय हो गई है, वहीं कांग्रेस अब तक अपनी रणनीति तय नहीं कर पाई है। कांग्रेस संगठन में इस मुद्दे को लेकर कोई स्पष्ट दिशा-निर्देश नहीं दिए गए हैं, जिससे उनके समर्थकों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
बिहान न्यूज 24×7