निखिल वखारिया
संतों की उपस्थिति से राजिम कुंभ कल्प का महत्व बढ़ा – विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह

गरियाबंद, छत्तीसगढ़ | छत्तीसगढ़ की पावन तीर्थ नगरी राजिम में त्रिवेणी संगम के तट पर 21 फरवरी, शुक्रवार को राजिम कुंभ कल्प के अंतर्गत विराट संत समागम का भव्य उद्घाटन किया गया। इस पावन अवसर पर छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहकर संत समाज का आशीर्वाद प्राप्त किया। इस मौके पर विभिन्न अखाड़ों और मठों से आए महान संतों ने श्रद्धालुओं को प्रवचन और आशीर्वचन दिए।
धार्मिक महापुरुषों की गरिमामयी उपस्थिति
इस संत समागम में आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी विशोकानंद महाराज, महामंडलेश्वर स्वामी प्रेमानंद गिरी, महामंडलेश्वर नवल गिरी महाराज, महामंडलेश्वर स्वामी शैलेशानंद महाराज, महामंडलेश्वर मनमोहनदास महाराज, ब्रह्मचारी डॉ. इंदुभवानंद महाराज, दंडी स्वामी सच्चिदानंद तीर्थ महाराज, संत द्वारकेश महाराज, संत गुरुशरण महाराज (पंडोखर सरकार), महंत नरेन्द्रदास महाराज, स्वामी राजीव लोचनदास महाराज, रामबालक दास महाराज, साध्वी महंत प्रज्ञा भारती सहित कई अन्य संतों की उपस्थिति ने इस आयोजन की शोभा बढ़ाई।
संतों के आशीर्वचन एवं विशेष संबोधन

अपने उद्बोधन में विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा, “हम सभी के लिए यह सौभाग्य की बात है कि इतने महान संतों का सानिध्य और आशीर्वाद हमें प्राप्त हो रहा है। संतों की उपस्थिति से ही राजिम कुंभ कल्प का महत्व और अधिक बढ़ जाता है। यह आयोजन आध्यात्मिक चेतना को जागृत करने का माध्यम है।” उन्होंने मंच से ब्रह्मलीन संत कवि पवन दीवान की पुण्यतिथि पर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
आचार्य महामंडलेश्वर विशोकानंद महाराज ने कहा, “छत्तीसगढ़िया सबसे बढ़िया! यह प्रदेश माता कौशल्या की जन्मभूमि है और यहां की धार्मिक एवं सांस्कृतिक विरासत अद्वितीय है।” उन्होंने आगे कहा कि “छत्तीसगढ़ ने प्रयागराज के संतों को अपने यहां आमंत्रित कर एक अनोखा उदाहरण प्रस्तुत किया है। यह प्रदेश सनातन धर्म की समृद्धि और आध्यात्मिक चेतना का केंद्र बनने की दिशा में अग्रसर है।”
राजिम कुंभ का गौरवशाली इतिहास

डॉ. रमन सिंह ने अपने संबोधन में याद किया कि उनके मुख्यमंत्रीत्व काल में 2005-06 में संतों के सहयोग से राजिम में कुंभ कल्प की शुरुआत हुई थी। उन्होंने संकल्प लिया कि आने वाले वर्षों में इस आयोजन को और अधिक भव्य रूप दिया जाएगा ताकि यह धार्मिक पर्यटन और आस्था का प्रमुख केंद्र बने।
भविष्य की योजनाएँ और अपील
महामंडलेश्वर विशोकानंद महाराज ने अनुरोध किया कि सरकार राजिम कुंभ के आयोजन को और विस्तृत करने की योजना बनाए, जिससे संतों और श्रद्धालुओं के लिए बेहतर व्यवस्थाएँ उपलब्ध हो सकें। उन्होंने कहा कि “प्रयागराज का कुंभ भले ही यहां न लाया जा सके, लेकिन संतों की उपस्थिति से राजिम कुंभ को एक नई ऊंचाई दी जा सकती है।”
विशिष्ट अतिथियों की गरिमामयी उपस्थिति

इस पावन अवसर पर महासमुंद सांसद रूपकुमारी चौधरी, राजिम विधायक रोहित साहू, अभनपुर विधायक इंद्र कुमार साहू, पूर्व सांसद चंदूलाल साहू, नगर पंचायतों के नवनिर्वाचित अध्यक्षगण, रायपुर कमिश्नर महादेव कांवरे, छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल के प्रबंध संचालक विवेक आचार्य, गरियाबंद कलेक्टर दीपक कुमार अग्रवाल, एसएसपी अजीत कुकरेजा, पुलिस अधीक्षक निखिल राखेचा सहित हजारों की संख्या में श्रद्धालुगण और साधु-संत उपस्थित रहे।