निखिल वखारिया
रायपुर। कश्मीर के पहलगाम में हिन्दू पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले में आतंकियों ने धर्म पूछकर गोलियां चलाईं, जिसमें रायपुर के एक हिन्दू पर्यटक की जान चली गई। यह घटना न सिर्फ अमानवीय है, बल्कि भारत की एकता और हिंदू अस्मिता पर सीधा हमला मानी जा रही है।
अखिल भारतीय हिन्दू संगठन ने इस जघन्य हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा है कि अब वक्त केवल शोक और निंदा का नहीं, निर्णायक कार्रवाई का है।
राष्ट्रीय महासचिव नीरज पांडेय ने बयान जारी करते हुए कहा:
“एक व्यक्ति को सिर्फ इसलिए गोली मार देना कि वह हिन्दू है — यह आतंकवाद का वह कुरूप चेहरा है जिसे अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
संगठन ने केंद्र सरकार से तीन प्रमुख मांगें रखीं:
- आतंकियों को चिन्हित कर तत्काल मुठभेड़ में मार गिराया जाए।
- हिन्दू पर्यटकों और नागरिकों की सुरक्षा के लिए अलग से सुरक्षा नीति लागू की जाए।
- हिन्दू विरोधी मानसिकता फैलाने वाले संगठनों और व्यक्तियों पर राष्ट्रद्रोह का मुकदमा चलाया जाए।
संगठन ने यह भी चेताया कि यदि सरकार अब भी इस तरह की घटनाओं पर सख्त नीति नहीं अपनाती, तो हिन्दू समाज को अपने आत्म-सम्मान और अस्तित्व की रक्षा स्वयं करनी पड़ेगी।
गरियाबंद जिला अध्यक्ष निखिल वखारिया की प्रतिक्रिया:
“कश्मीर में घोड़े पर बैठे हिन्दू पर्यटकों से आतंकियों ने पहले उनका धर्म पूछा और फिर गोलियां चला दीं। इसमें रायपुर का एक हिन्दू भाई अपनी जान गंवा बैठा। और लोग कहते हैं कि आतंकियों का कोई धर्म नहीं होता?
यह सोचना और कहना अब बंद होना चाहिए। यह कोई आम हत्या नहीं थी, यह सोच-समझकर केवल हिन्दू होने की सज़ा दी गई है।
अब माफी नहीं — यह समय जवाब का है। सरकार से आग्रह है कि इन आतंकियों को सीधे गोली मारने का आदेश दिया जाए।
हिन्दू समाज को अब सिर्फ सहना नहीं है, संगठित होकर सामना करना है।”
जय श्रीराम!
भारत माता की जय!
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