गरियाबंद। छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक परंपरा को जीवंत करने वाले राजिम कुंभ कल्प मेला में 16 फरवरी का दिन बेहद खास होगा। इस दिन मेले के मुख्य मंच पर छत्तीसगढ़ की प्रसिद्ध लोकगायिका ओजस्वी (आरू) साहू अपनी सुमधुर प्रस्तुति देंगी। उनकी लोकगायकी और प्रभावशाली सुरों से दर्शक मंत्रमुग्ध होंगे।
लोक कलाकारों का संगम
इस सांस्कृतिक संध्या को और भव्य बनाने के लिए अन्य लोक कलाकार भी अपनी प्रस्तुतियों से समां बांधेंगे। इसमें मनोज आडील और डॉ. सतीश साहू अपनी कला का जादू बिखेरेंगे।
दोपहर 12 बजे से शाम 5 बजे तक स्थानीय कलाकार छत्तीसगढ़ी लोकगीत और नृत्य की प्रस्तुतियों से छत्तीसगढ़ की समृद्ध कला और संस्कृति को जीवंत करेंगे।
लोक नृत्य और भजन संध्या
राजिम कुंभ में विभिन्न लोकनृत्य प्रस्तुत किए जाएंगे, जिनमें –
- बुधलाल बारले की टीम – पंथी नृत्य
- दिलीप साहू की टीम – सुवा नृत्य
- घनश्याम ठाकुर की टीम – कर्मा नृत्य
- दीप्ति बांधे की टीम – पंथी नृत्य
भक्ति और संगीत का संगम
- दामिनी यादव – जसगीत से भक्ति रस में डुबोएंगी
- संदीप बनर्जी – सुगम संगीत प्रस्तुत करेंगे
- धनेश्वर साहू की टीम – मानस गान प्रस्तुत करेगी
- गिरजा देवी साहू – मानस गान से आध्यात्मिक माहौल बनाएंगी
- श्वेता सिंह तिवारी – भक्तिमय भजनों की प्रस्तुति देंगी
शास्त्रीय नृत्य की झलक
- अश्विका शर्मा – कथक नृत्य की प्रस्तुति देंगी
लोक कला मंच की शानदार प्रस्तुतियाँ
- सेवक राम यादव की टीम – लोक कला मंच से अपनी कला की महक बिखेरेगी
- हृदय प्रकाश अनंत – लोककला मंच पर अपनी शानदार प्रस्तुति देंगे
इस आयोजन के माध्यम से छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक धरोहर को न केवल संजोया जा रहा है, बल्कि नई पीढ़ी को भी अपनी जड़ों से जोड़ने का एक महत्वपूर्ण प्रयास किया जा रहा है।
राजिम कुंभ: आस्था और संस्कृति का संगम
राजिम कुंभ कल्प मेला छत्तीसगढ़ का एक प्रमुख धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन है, जहां श्रद्धालु और कला प्रेमी बड़ी संख्या में शामिल होते हैं। यह मेला आध्यात्मिकता, लोककला, नृत्य और संगीत का संगम है, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों के कलाकार अपनी प्रस्तुतियों से इसे भव्य बनाते हैं।