राम लखन पाठक
सरपंच की चेतावनी: नहीं रुका उत्खनन, तो ग्रामीणों के साथ करूंगा धरना
सिंगरौली/देवसर।
देवसर तहसील अंतर्गत महानदी क्षेत्र में सहकार ग्लोबल कंपनी को रेत खनन का ठेका मिलने के बाद से ही क्षेत्र में अव्यवस्था, अवैध उत्खनन और पर्यावरणीय संकट का दौर शुरू हो गया है। यह आरोप कांग्रेस पार्टी के जिला महामंत्री एवं सहूआर ग्राम पंचायत के सरपंच वरुण द्विवेदी ने प्रेसवार्ता के माध्यम से लगाए। उन्होंने कहा कि कंपनी द्वारा न केवल खनन के सभी नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं, बल्कि इसके चलते स्थानीय जनजीवन, पर्यावरण और भविष्य की जल आपूर्ति पर भी संकट मंडराने लगा है।

खनन में नियमों की खुलेआम अनदेखी
श्री द्विवेदी ने बताया कि सहकार ग्लोबल कंपनी द्वारा रेत खदानों में निर्धारित क्षेत्र से कई गुना अधिक रेत निकाली जा रही है, जो पूरी तरह अवैध है। खदान क्षेत्र में कहीं भी चेतावनी बोर्ड या सीमा निर्धारण का पालन नहीं किया गया है। इससे न केवल पारिस्थितिक तंत्र प्रभावित हो रहा है, बल्कि स्थानीय प्रशासन और जिला खनिज विभाग की कार्यप्रणाली पर भी प्रश्नचिन्ह लग रहे हैं।
ओवरलोडिंग से सड़कों की हालत खस्ता
सरपंच द्विवेदी ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि रेत खदानों से प्रतिदिन ओवरलोड ट्रक और डंपर निकल रहे हैं, जो ग्राम पंचायत की सड़कों को पूरी तरह बर्बाद कर चुके हैं। ग्रामीणों को आने-जाने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, और दुर्घटनाओं की संभावना भी बनी हुई है।

पोकलेन मशीनों से हो रहा अत्यधिक उत्खनन
रेत खदान मजौना और जियावन में भारी पोकलेन मशीनों से बड़े पैमाने पर रेत का उत्खनन किया जा रहा है, जिससे नदी की प्राकृतिक संरचना को नुकसान पहुंच रहा है। वरुण द्विवेदी का कहना है कि इस तरह के यांत्रिक उत्खनन को तुरंत रोका जाना चाहिए और इसकी जगह स्थानीय ग्रामीणों को रेत लोडिंग जैसे कार्यों में शामिल किया जाना चाहिए, जिससे उन्हें रोजगार भी मिले और उत्खनन संतुलित तरीके से हो।
जल संकट की दस्तक
उन्होंने कहा कि यदि इसी प्रकार से रेत का अवैध और अत्यधिक दोहन जारी रहा, तो आगामी वर्षों में पूरे क्षेत्र में जल संकट खड़ा हो सकता है। नदी की गहराई बढ़ने और जल प्रवाह में बाधा उत्पन्न होने से भूजल स्तर नीचे जा रहा है, जिससे कुएं, हैंडपंप और बोरवेल प्रभावित हो रहे हैं।
प्रशासन को चेतावनी: जल्द रोक लगाओ, वरना धरना होगा

सरपंच वरुण द्विवेदी ने प्रशासन को दो टूक चेतावनी देते हुए कहा कि यदि जल्द ही रेत खनन में हो रही अनियमितताओं पर अंकुश नहीं लगाया गया, तो वे स्थानीय ग्रामीणों के साथ मिलकर आंदोलन करेंगे और धरना देंगे। उन्होंने कहा कि प्रशासन को जिम्मेदारी के साथ काम करना होगा, वरना जनता सड़कों पर उतरने को मजबूर होगी।
स्थानीय लोगों में आक्रोश
इस पूरे घटनाक्रम को लेकर स्थानीय ग्रामीणों में भी भारी आक्रोश व्याप्त है। गांववासियों का कहना है कि उन्हें न तो किसी प्रकार की सुविधा दी जा रही है, न ही रोजगार, उल्टा उनके संसाधनों और पर्यावरण को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। ग्रामीणों की मांग है कि प्रशासन इस मामले में सख्त कार्रवाई करे और कंपनी की लापरवाही पर तुरंत रोक लगाए।
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