निखिल वखारिया
रायपुर, 14 मार्च 2025
राज्य सरकार ने कृषि और सिंचाई सुविधाओं के विस्तार के लिए एक बड़ी योजना तैयार की है। इस योजना के तहत सिकासार जलाशय को कोडार जलाशय से जोड़ा जाएगा। इस परियोजना के लिए लगभग 2,000 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है, जिससे 35,000 हेक्टेयर भूमि को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
जलाशयों को जोड़ने का 90% सर्वे पूरा, 55 गांव होंगे लाभान्वित
इस परियोजना की सफलता के लिए सरकार ने व्यापक सर्वेक्षण किया है। रिपोर्ट के अनुसार, 90% सर्वे पूरा हो चुका है, और अब परियोजना को अंतिम रूप देने की तैयारी हो रही है। इस सिंचाई परियोजना से करीब 55 गांवों के किसान लाभान्वित होंगे, जिससे फसल उत्पादन में बढ़ोतरी और जल आपूर्ति की दिक्कतों का समाधान होगा। यह परियोजना नदी जोड़ो योजना के तहत लागू की जा सकती है, जिसका प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा गया है।
दो हजार करोड़ की लागत से सिंचाई क्षमता में होगा बड़ा इजाफा
इस परियोजना पर करीब 2,000 करोड़ रुपये खर्च होंगे, जिससे किसानों को हर मौसम में पानी की आपूर्ति सुनिश्चित होगी। इससे राज्य में सिंचाई क्षमता का विस्तार होगा और कृषि उत्पादन बढ़ेगा। जल संसाधन विभाग के अनुसार, इस परियोजना से राज्य के कृषि परिदृश्य में बड़ा परिवर्तन आएगा और जल की बर्बादी को रोका जाएगा।
इंद्रावती नदी के पानी का सही उपयोग नहीं हो रहा, 5% जल बर्बाद
राज्य सरकार की रिपोर्ट के अनुसार, इंद्रावती नदी के कुल जल संग्रहण का केवल 5% ही उपयोग हो रहा है। इस कारण जल संसाधनों का पूरा लाभ नहीं मिल पा रहा है। इस समस्या को देखते हुए, सरकार ने इंद्रावती नदी के पानी के अधिकतम उपयोग की योजना बनाई है, जिससे कृषि क्षेत्र को और अधिक पानी मिल सकेगा और किसानों को सिंचाई के लिए वैकल्पिक साधन उपलब्ध होंगे।
मिनीमाता बांगो जलाशय में लगेगा 100 मेगावाट का फ्लोटिंग सोलर प्लांट
सरकार ने ऊर्जा उत्पादन बढ़ाने के लिए भी एक बड़ी योजना बनाई है। मिनीमाता बांगो जलाशय में 100 मेगावाट का फ्लोटिंग सोलर प्लांट स्थापित किया जाएगा। इस योजना का मुख्य उद्देश्य सौर ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा देना और राज्य को ऊर्जा आत्मनिर्भर बनाना है। यह प्लांट नदी के जलाशयों पर तैरता रहेगा, जिससे पानी के वाष्पीकरण में कमी आएगी और अतिरिक्त ऊर्जा उत्पन्न होगी। इससे सौर ऊर्जा उत्पादन को बढ़ाने के साथ ही जल संसाधनों का भी बेहतर उपयोग होगा।
राज्य के अन्य जिलों में भी सिंचाई परियोजनाओं का विस्तार
राज्य सरकार अलग-अलग जिलों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए कई योजनाएं तैयार कर रही है। आदिवासी और सूखाग्रस्त जिलों जैसे गरियाबंद, बालोद, बस्तर आदि में सिंचाई सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा।
जल संसाधन मंत्री केदार कश्यप ने कहा, “इन सभी परियोजनाओं को प्रधानमंत्री किसान सिंचाई योजना में शामिल करने के लिए केंद्र को प्रस्ताव भेजा गया है।” इससे राज्य के दूरदराज और पिछड़े इलाकों में भी किसानों को सिंचाई की बेहतर सुविधा मिलेगी।
राज्य सरकार की प्रमुख पहलें और लाभ
- सिकासार और कोडार जलाशय लिंकिंग से 55 गांवों में सिंचाई सुविधा का विस्तार होगा।
- 2,000 करोड़ रुपये की लागत से 35 हजार हेक्टेयर भूमि को अतिरिक्त जल आपूर्ति मिलेगी।
- इंद्रावती नदी के जल का सही उपयोग कर किसानों को अतिरिक्त सिंचाई सुविधा मिलेगी।
- मिनीमाता बांगो जलाशय में 100 मेगावाट का फ्लोटिंग सोलर प्लांट स्थापित होगा, जिससे ऊर्जा उत्पादन बढ़ेगा।
- जल संसाधनों का अधिकतम उपयोग कर कृषि क्षेत्र को आत्मनिर्भर बनाया जाएगा।
निष्कर्ष
राज्य सरकार जल संसाधनों के सही उपयोग और सिंचाई क्षमता बढ़ाने के लिए प्रभावी कदम उठा रही है। सिकासार-कोडार जलाशय लिंकिंग परियोजना राज्य के किसानों के लिए एक नई उम्मीद साबित होगी। इसके साथ ही सौर ऊर्जा उत्पादन को भी बढ़ावा देकर राज्य को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कदम उठाया जा रहा है।