बस्तर की ऐतिहासिक प्रेम कहानी पर बनी फिल्म “झिटकु मिटकी” वैलेंटाइन वीक के पहले दिन हुई रिलीज
बस्तर की अमर प्रेम गाथा पर आधारित फिल्म “झिटकु मिटकी” आज पूरे छत्तीसगढ़ के सिनेमाघरों में रिलीज हो गई। छत्तीसगढ़ी भाषा में बनी इस फिल्म की अवधि 1 घंटा 45 मिनट है। फिल्म के सिनेमाघरों में लगते ही बड़ी संख्या में दर्शकों का उत्साह देखने को मिला। दर्शकों ने फिल्म देखने के बाद ईटीवी भारत से अपनी प्रतिक्रियाएं साझा कीं।
सच्ची प्रेम कहानी पर बनी फिल्म
निर्देशक राजा खान द्वारा बनाई गई यह फिल्म बस्तर की एक सत्य घटना पर आधारित है, जो छत्तीसगढ़ की प्राचीन परंपराओं और संस्कृति को दर्शाती है। फिल्म में झिटकु का किरदार लालजी कोर्राम ने निभाया है, जबकि मिटकी की भूमिका मुंबई की प्रसिद्ध अभिनेत्री लवली अहमद ने अदा की है। यह प्रेम कहानी हीर-रांझा और लैला-मजनू की तरह अमर मानी जाती है।
फिल्म “झिटकु मिटकी” को लेकर दर्शकों में उत्साह, दूर-दूर से पहुंचे लोग
चार साल की मेहनत के बाद रिलीज हुई फिल्म
बस्तर की ऐतिहासिक प्रेम कहानी पर बनी फिल्म “झिटकु मिटकी” के प्रति दर्शकों में खासा उत्साह देखने को मिला। दर्शक निर्मल बदरे ने बताया कि इस फिल्म की शूटिंग पिछले चार सालों से चल रही थी, और अब जब यह रिलीज हुई है, तो इसे देखने का उत्साह दोगुना हो गया। वे अपने परिवार के साथ सिनेमाघर पहुंचे और कहा कि यह फिल्म 300 से 500 साल पुरानी सच्ची घटना पर आधारित है, जो एक देवी की गाथा को दर्शाती है।
बस्तर की ऐतिहासिक प्रेम कहानी को शानदार तरीके से पेश किया गया
फिल्म देखने के बाद निर्मल बदरे ने कहा, “झिटकु मिटकी की कहानी को बेहतरीन तरीके से फिल्माया गया है। हर बस्तरवासी को यह फिल्म देखनी चाहिए ताकि वे इस अमर प्रेम कथा को जान सकें।”
दूर-दूर से सिनेमाघरों में पहुंचे दर्शक
वहीं, एक अन्य दर्शक जयनु मरकाम ने बताया कि वे फिल्म देखने के लिए काफी दूर से शहर के सिनेमाघर तक आए। उन्होंने कहा कि फिल्म में प्रेम कहानी को बहुत खूबसूरती से दर्शाया गया है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि फिल्म को लेकर उनकी उम्मीदें बहुत ज्यादा थीं, लेकिन कुछ पहलू उनकी अपेक्षाओं पर पूरी तरह खरे नहीं उतरे।
बस्तर में झिटकु मिटकी की देवी रूप में होती है पूजा
बस्तरवासियों के लिए झिटकु मिटकी सिर्फ एक प्रेम कथा नहीं, बल्कि एक आस्था का प्रतीक भी है। पेन्ड्रावंड में हर हफ्ते आसपास के लोग इकट्ठा होकर उनकी पूजा-अर्चना करते हैं। वहां के पुजारियों का मानना है कि झिटकु मिटकी देवी का आशीर्वाद उनमें साक्षात उतरता है। कलाकार उनकी प्रतिमाएं और मूर्तियां बनाते हैं, जिन्हें धन और समृद्धि की देवी के रूप में पूजा जाता है। यह परंपरा इतनी गहरी है कि लोग अपने रिश्तेदारों और मेहमानों को भी भेंटस्वरूप झिटकु मिटकी की मूर्तियां देते हैं।