कलश यात्रा, ग्रामसभा और स्वच्छता अभियान के माध्यम से ग्रामीणों ने दिखाई जल बचाने की एकजुटता
हरदा से गोपाल शुक्ला
हरदा जिले की पावन धरती पर आज एक अद्भुत दृश्य देखने को मिला, जब ग्राम कुंजर में ‘जल गंगा संवर्धन अभियान’ के तहत जल संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से ग्रामसभा का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम कलेक्टर महोदय हरदा के आदेश एवं जन अभियान परिषद के मार्गदर्शन में आयोजित किया गया, जिसमें गांव के हर वर्ग – पुरुष, महिलाएं, बालक, युवतियां और जनप्रतिनिधि – सभी ने मिलकर बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
कार्यक्रम की शुरुआत:
सवेरे गांव की गलियों में एक विशेष ‘कलश यात्रा’ निकाली गई, जिसमें ग्रामीण महिलाएं पारंपरिक वेशभूषा में सिर पर जल से भरे कलश लेकर पूरे गांव में घूमीं। यह यात्रा न केवल सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण रही, बल्कि यह जल को जीवन का प्रतीक मानते हुए उसकी महत्ता को उजागर करने वाली एक प्रेरणादायक पहल भी बनी। कलश यात्रा के दौरान ग्रामीणों ने “जल है तो कल है”, “पानी बचाओ – जीवन बचाओ” जैसे नारों के माध्यम से पूरे गांव में जनचेतना फैलाने का कार्य किया।

स्वच्छता और सहभागिता:
यात्रा के बाद गांव में जल स्रोतों – विशेष रूप से हैंडपंप, नलकूप, कुएं – के पास विशेष स्वच्छता अभियान चलाया गया। ग्रामीणों ने खुद झाड़ू उठाकर सफाई की और जलस्रोतों के आसपास स्वच्छ वातावरण बनाए रखने की जिम्मेदारी ली। यह दृश्य अपने आप में यह साबित कर रहा था कि जब समाज एकजुट होता है तो परिवर्तन निश्चित होता है।
ग्रामसभा में हुआ संकल्प:
ग्रामसभा में उपस्थित सभी लोगों ने एक स्वर में यह शपथ ली कि वे जल संरक्षण को अपने जीवन का हिस्सा बनाएंगे और अगली पीढ़ी के लिए जल की उपलब्धता सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने यह भी संकल्प लिया कि वे दूसरों को भी इस विषय में जागरूक करेंगे।
उपस्थित गणमान्य और सहभागी:
इस आयोजन में पंचायत सचिव भगत सिंह लेगा, सह सचिव बृजेश कुमार, ग्राम कोटवार घासीराम, जन अभियान परिषद के प्रतिनिधि राधेश्याम विश्वकर्मा एवं सुरेन्द्र सिंह चौहान, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता क्षमा टिटोरिया, सहायिका तुलसा बाई, आशा कार्यकर्ता शीला कुशवाहा सहित ग्राम की महिलाएं – गीताबाई, पूना बाई, लक्ष्मी बाई, भगवती बाई, सुगना बाई, द्वारका, दुलारी, चिंताबाई, कविता बाई आदि की उल्लेखनीय भागीदारी रही।
इसके अतिरिक्त ग्राम के सम्मानित नागरिक हर नारायण पवारे, सुंदरलाल सरवरे, मांगीलाल भूसारे, अर्जुन अहिरवार, सोहनलाल कुशवाहा आदि ने भी कार्यक्रम में अपनी उपस्थिति से कार्यक्रम की गरिमा बढ़ाई।
समाज को मिला संदेश:
यह आयोजन केवल एक सरकारी योजना का हिस्सा न होकर एक सामाजिक क्रांति की शुरुआत जैसा प्रतीत हुआ। जल के महत्व को समझने और समझाने की इस मुहिम ने ग्रामवासियों को जोड़कर यह सिद्ध कर दिया कि जब गांव जागरूक होता है, तो विकास की नई इबारत लिखी जा सकती है।
कार्यक्रम के समापन पर सभी ग्रामीणों ने एक स्वर में कहा,
“हम जल को व्यर्थ नहीं बहाएंगे, नल खुला नहीं छोड़ेंगे, वर्षा जल को संचित करेंगे और आने वाली पीढ़ियों को पानी की चिंता से मुक्त रखेंगे।”
इस प्रकार ग्राम कुंजर में आयोजित यह अभियान आने वाले समय में अन्य गांवों के लिए भी एक मिसाल बनेगा।
(बिहान न्यूज़24×7 खबरे हमारी, भरोसा आपका)