हरदा की बेटी ऋषिका बाफना बनी डॉक्टर, शहर को किया गौरवान्वित


परिवार और समाज में हर्ष की लहर, बधाई देने वालों का लगा तांता

हरदा से गोपाल शुक्ला

हरदा की सरज़मीं एक बार फिर गर्व से सिर ऊँचा कर रही है, क्योंकि शहर की प्रतिभाशाली बेटी ऋषिका बाफना ने मेडिकल की कठिन राह को पार कर ‘डॉक्टर’ की उपाधि प्राप्त कर ली है। यह उपलब्धि सिर्फ उनके परिवार के लिए नहीं, बल्कि पूरे हरदा वासियों के लिए गौरव का क्षण है।

ऋषिका, हरदा के प्रतिष्ठित बाफना परिवार की सुपुत्री हैं। उनकी माता अर्चना देवी और पिता देवेंद्र बाफना सामाजिक सेवा और सौम्य व्यवहार के लिए शहर में जाने जाते हैं। ऐसे संस्कारी और शिक्षित परिवार से आने वाली ऋषिका ने निरंतर परिश्रम, समर्पण और आत्मविश्वास के बल पर एमबीबीएस की पढ़ाई सफलतापूर्वक पूर्ण की।

कठिन परिश्रम की मिसाल बनी ऋषिका

ऋषिका का यह सफर आसान नहीं रहा। मेडिकल के लंबे और चुनौतीपूर्ण पाठ्यक्रम के दौरान उन्होंने अपने लक्ष्य से कभी समझौता नहीं किया। कई बार कठिन समय आया, मगर उन्होंने कभी हार नहीं मानी। उनकी इस लगन और मेहनत ने ही आज उन्हें डॉक्टर की उपाधि दिलाई है।

पूरे शहर में खुशी का माहौल

उनकी इस उपलब्धि की खबर जब शहर में फैली, तो चारों ओर से बधाइयों का तांता लग गया। हर वर्ग, हर समुदाय से लोगों ने इस सफलता पर बधाई देते हुए इसे हरदा की उपलब्धि बताया।

बधाई देने वालों में कई गणमान्य लोग

ऋषिका को बधाई देने वालों की सूची लंबी है, जिसमें कई राजनेता, समाजसेवी, व्यापारीगण और सामाजिक संगठनों के पदाधिकारी शामिल हैं।
बधाई देने वालों में प्रमुख रूप से:
विधायक डॉ. रामकिशोर दोगने, पंकज जी बाफना, राजकुमार जी बाफना, भूतपूर्व नगर पालिका अध्यक्ष एवं जैन समाज के वरिष्ठ सदस्य सुरेंद्र जैन, विधायक प्रतिनिधि संजय कमलचंद जैन, व्यापारी संघ के सरगम जी जैन, राजेश अग्रवाल, संजय सिंघई, शैलेंद्र पाटनी, बृजेश मोहता, मनीष गर्ग, निश्चिद जैन, मुकेश गुर्जर, मनीष माहेश्वरी, गोविंद काबरा, राजीव बंसल, सैनिक भंडारी और मनोज जैन प्रमुख हैं।

युवाओं के लिए बनी प्रेरणा

ऋषिका की इस सफलता ने हरदा के युवाओं, विशेषकर छात्राओं के लिए एक नई प्रेरणा का द्वार खोला है। यह साबित हुआ है कि यदि संकल्प मजबूत हो और मेहनत ईमानदारी से की जाए, तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं।

समाज को सेवा की सौगात

ऋषिका का सपना अब सिर्फ डॉक्टर बनने तक सीमित नहीं है, बल्कि वे समाज के कमजोर वर्गों की सेवा कर अपने ज्ञान का उपयोग जनकल्याण के लिए करना चाहती हैं। उनका यह उद्देश्य उनकी सोच की परिपक्वता और सामाजिक चेतना को दर्शाता है।

हरदा को अपनी बेटी पर गर्व

हरदा की जनता ने इस सफलता को व्यक्तिगत रूप से महसूस किया है। नगर के नागरिकों ने ऋषिका को शुभकामनाएं देते हुए उनके उज्जवल और सेवाभाव से परिपूर्ण चिकित्सकीय भविष्य की कामना की है। शहर की यह बेटी आने वाले समय में निश्चित ही चिकित्सा क्षेत्र में हरदा का नाम रोशन करती रहेगी।


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Nikhil Vakharia

Nikhil Vakharia

मुख्य संपादक

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