रिपोर्टर: गोपाल शुक्ला, हरदा
दिनांक: 9 अप्रैल 2025
हरदा। जिला कलेक्टर श्री आदित्य सिंह ने बुधवार को जिला अस्पताल हरदा का औचक निरीक्षण कर अस्पताल की व्यवस्थाओं का गहन निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान कई गंभीर लापरवाहियां और अव्यवस्थाएं सामने आईं, जिस पर कलेक्टर श्री सिंह ने तत्काल नाराजगी प्रकट करते हुए जिम्मेदार अधिकारियों को सुधारात्मक कार्यवाही के निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एच.पी. सिंह भी उपस्थित रहे।

निर्माण कार्यों की धीमी प्रगति पर चेतावनी
सबसे पहले कलेक्टर ने अस्पताल परिसर में निर्माणाधीन नए भवन का निरीक्षण किया। निर्माण कार्य की धीमी गति पर नाराजगी व्यक्त करते हुए उन्होंने निर्माण एजेंसी को शेष कार्य शीघ्रता से पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि निर्माण कार्यों में किसी भी प्रकार की लापरवाही अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
मरीजों की सुविधा की अनदेखी पर फटकार
निरीक्षण के दौरान मरीजों के लिए लगाए गए एयर कूलर बिना पानी के चलते मिले, जिससे गर्मी के मौसम में मरीजों को कोई राहत नहीं मिल रही थी। कलेक्टर ने इस पर कड़ी नाराजगी जताई और निर्देश दिए कि सभी कूलरों में समय-समय पर पानी भरा जाए ताकि मरीजों को परेशानी न हो।
अनुपस्थित अधिकारियों पर सख्ती
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के जिला प्रबंधक के निरीक्षण के समय देरी से आने पर कलेक्टर ने नाराजगी जाहिर की और उनके विरुद्ध कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। साथ ही, एनएचएम के इंजीनियर निरीक्षण के दौरान अनुपस्थित पाए गए, जिस पर कलेक्टर ने उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई के निर्देश दिए।
कर्मचारी उपस्थिति और साफ-सफाई पर विशेष जोर
कलेक्टर श्री सिंह ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निर्देशित किया कि अस्पताल में डॉक्टर्स और अन्य स्टाफ की नियमित उपस्थिति सुनिश्चित की जाए। उन्होंने बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली के तहत प्रतिदिन सुबह 8:30 बजे और रात 8:30 बजे तक कर्मचारियों की उपस्थिति की रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। साथ ही, अस्पताल परिसर की सफाई का कार्य प्रतिदिन सुबह जल्दी शुरू करवाने के भी निर्देश दिए।
पेयजल और सुरक्षा व्यवस्थाओं पर नाराजगी
निरीक्षण के दौरान कलेक्टर ने अस्पताल परिसर में लगे वाटर कूलर को आरओ सिस्टम से न जोड़ने और पेयजल कक्ष में टाइल्स न बदलने पर भी नाराजगी जताई। इस संबंध में जिला अस्पताल प्रबंधक के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए गए। उन्होंने अस्पताल के सीसीटीवी कंट्रोल रूम का निरीक्षण कर निर्देश दिया कि पब्लिक एनाउंसिंग सिस्टम हमेशा चालू रहे, ताकि किसी भी आपात सूचना को पूरे परिसर में तुरंत प्रसारित किया जा सके।
वार्डों की स्थिति और आईसीयू निरीक्षण
कलेक्टर ने अस्पताल भवन के सभी वार्डों और कमरों का निरीक्षण किया और खिड़कियों में मच्छरों से बचाव के लिए जाली लगाने के निर्देश दिए। उन्होंने नवनिर्मित आईसीयू वार्ड का भी निरीक्षण किया और बचे हुए कार्यों को शीघ्र पूर्ण करने को कहा।
रिसेप्शन और जनसुविधाएं मजबूत करने पर ज़ोर
कलेक्टर ने निर्देश दिए कि अस्पताल के रिसेप्शन सेंटर पर हमेशा स्टाफ की उपस्थिति सुनिश्चित की जाए। उन्होंने अस्पताल के प्रवेश द्वार पर पेयजल व्यवस्था हेतु प्याऊ शुरू कराने और मरीजों व परिजनों के बैठने हेतु टीन शेड लगवाने के निर्देश भी दिए।
महिला एवं बाल स्वास्थ्य सेवाओं की समीक्षा
निरीक्षण के अंतर्गत उन्होंने ब्लड बैंक, पैथोलॉजी, नया ऑपरेशन थिएटर, प्रसूति गृह और पोषण पुनर्वास केंद्र का भी दौरा किया। नया ऑपरेशन थिएटर अधूरा पाया गया, जिस पर उन्होंने इसे शीघ्र चालू करने के निर्देश दिए। पोषण पुनर्वास केंद्र में निर्धारित क्षमता से कम बच्चे भर्ती थे, जिस पर उन्होंने महिला बाल विकास विभाग से समन्वय स्थापित कर कुपोषित बच्चों को भर्ती कराने के निर्देश दिए।
भोजन और पोषण व्यवस्था की समीक्षा
अंत में कलेक्टर ने अस्पताल में भर्ती मरीजों को दी जा रही चाय, नाश्ता और भोजन की गुणवत्ता की समीक्षा की। उन्होंने मरीजों के परिजनों से सीधा संवाद कर जानकारी ली कि भोजन समय पर और सही गुणवत्ता का मिल रहा है या नहीं। उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निर्देश दिए कि मरीजों को निर्धारित समय पर गुणवत्तापूर्ण भोजन उपलब्ध कराया जाए।
कड़ा संदेश: लापरवाही नहीं होगी बर्दाश्त
कलेक्टर श्री सिंह का यह निरीक्षण स्पष्ट संकेत देता है कि स्वास्थ्य सेवाओं में लापरवाही अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को चेतावनी दी कि यदि भविष्य में भी इसी प्रकार की लापरवाहियां सामने आईं, तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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