🔥 15 फरवरी से 15 जून तक चलेगा अग्नि सुरक्षा अभियान, विशेष सतर्कता के निर्देश
गरियाबंद, 07 फरवरी 2025: वनमंडलाधिकारी लक्ष्मण सिंह की अध्यक्षता में आज वन विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों और वन समितियों के सदस्यों के लिए वन अग्नि सुरक्षा पर एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला में जंगलों को आग से बचाने के लिए प्रभावी उपायों पर चर्चा की गई।
वनमंडलाधिकारी ने बताया कि अग्नि सीजन 15 फरवरी से 15 जून 2025 तक चलेगा, जिसके दौरान वनों को आग से बचाना वन विभाग की सर्वोच्च प्राथमिकता होगी। उन्होंने सभी संबंधित अधिकारियों और वन समितियों को गांव-गांव जाकर आम जनता को जागरूक करने के निर्देश दिए।

🔥 वन अग्नि रोकथाम के लिए उठाए जा रहे कदम:
📌 15 फरवरी से पहले अग्नि रेखाओं की सफाई और कटाई सुनिश्चित की जाएगी।
📌 अग्नि रक्षकों की तैनाती कर उनकी सतत निगरानी की जाएगी।
📌 फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया के फायर अलर्ट सिस्टम का पूरा उपयोग किया जाएगा।
📌 वन समितियों को जिम्मेदारी दी जाएगी कि वे आग की रोकथाम में सक्रिय भूमिका निभाएं।
📌 जन-जागरूकता अभियान चलाने के लिए स्कूलों, महाविद्यालयों और साप्ताहिक बाजारों में प्रचार किया जाएगा।
📌 अवैध कटाई वाले क्षेत्रों में विशेष निगरानी रखी जाएगी, ताकि ठूंठों को छिपाने के लिए आग न लगाई जा सके।
📌 तेंदूपत्ता संग्रहण के दौरान शाखाकर्तन (प्रूनिंग) और संग्रहण क्षेत्र को अग्नि से सुरक्षित रखना अनिवार्य होगा।
📌 फड़ क्षेत्रों में आग लगने पर क्रेता करारनामा की शर्तों के तहत आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
📌 वनमंडल, रेंज और बीट स्तर पर कार्यशालाओं का आयोजन किया जाएगा, साथ ही कला जत्था, रामायण मंडली के माध्यम से साप्ताहिक बाजारों में प्रचार-प्रसार किया जाएगा।
📌 स्कूलों और महाविद्यालयों में एनएसएस और एनसीसी के विद्यार्थियों को वन अग्नि सुरक्षा के प्रति जागरूक किया जाएगा।

वन विभाग ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि कोई व्यक्ति शिकार, अवैध कटाई या अन्य उद्देश्यों से जानबूझकर आग लगाता है, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
इस अवसर पर वन विभाग के एसडीओ श्री मनोज चंद्राकर, लघु वन उपासक के प्रबंधक अतुल श्रीवास्तव गरियाबंद तथा वन मंडल के समस्त परिक्षेत्र अधिकारी, सह परिक्षेत्र अधिकारी एवं समिति के सदस्य उपस्थित थे।
🌿 वन विभाग का लक्ष्य: इस वर्ष अग्नि प्रकरणों की संख्या न्यूनतम रखना और जंगलों की पारिस्थितिकी को सुरक्षित बनाए रखना।