निखिल वखारिया
गरियाबंद –
जहाँ ज़्यादातर लोग जन्मदिन को अपनी खुशी और सेलिब्रेशन तक सीमित रखते हैं, वहीं धीरज सोनी ने अपने जन्मदिन को समाज सेवा और मानवीय मूल्यों के साथ मनाकर एक नई मिसाल पेश की। उन्होंने इस खास दिन पर सियान सदन में बुज़ुर्गों और एक संस्थान में रह रहे दिव्यांग बच्चों के साथ समय बिताया और उन्हें फल, मिठाइयाँ व उपहार वितरित किए।

धीरज सोनी ने बुज़ुर्गों के साथ आत्मीय बातचीत कर उनका हालचाल जाना और उनके जीवन अनुभवों से सीख ली। इसके बाद वे दिव्यांग बच्चों के बीच पहुँचे, जहाँ उन्होंने बच्चों के साथ खेल-खिलौनों व मिठाइयों के साथ जन्मदिन मनाया। बच्चों की मुस्कुराहट और बुज़ुर्गों के आशीर्वाद ने इस दिन को वाकई अर्थपूर्ण और अविस्मरणीय बना दिया।

धीरज सोनी ने कहा:
“जन्मदिन केवल केक काटने या उपहार लेने का दिन नहीं है, बल्कि यह हमें यह सोचने का अवसर देता है कि हम अपने समाज को क्या दे सकते हैं। बुज़ुर्गों का स्नेह और दिव्यांग बच्चों की मासूम मुस्कान ही मेरे लिए सबसे बड़ा तोहफ़ा है।”
इस मौके पर मौजूद सामाजिक कार्यकर्ताओं और संस्थानों के प्रतिनिधियों ने भी धीरज सोनी की इस पहल की सराहना की और इसे युवाओं के लिए प्रेरणा बताया।
ऐसे कार्य यह दिखाते हैं कि जब इंसान अपने जीवन के खास लम्हों को दूसरों की सेवा और खुशी में लगाता है, तो वह खुद भी अंदर से और अधिक समृद्ध हो जाता है।
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