निखिल वखारिया
गरियाबंद। छत्तीसगढ़ में वनोपज महुआ से पारंपरिक रूप से शराब निर्माण व विक्रय को लेकर अपने पैतृक व्यवसाय के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु कलार समाज ने राज्य शासन से “महुआ बोर्ड” की स्थापना की मांग की है। इसी सिलसिले में गरियाबंद जिले के कलार समाज प्रतिनिधियों ने गरियाबंद कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन सौंपते हुए गरियाबंद जिला युवा मंच के अध्यक्ष वंश गोपाल सिन्हा ने बताया कि—”हमारे समाज का पारंपरिक व्यवसाय महुआ से शराब निर्माण का रहा है। पूर्ववर्ती सरकार से भी इस संबंध में महुआ बोर्ड के गठन की मांग की गई थी, जिस पर सहमति भी दी गई थी। अब वर्तमान सरकार द्वारा भी विभिन्न समाजों को उनके पारंपरिक व्यवसायों के अनुरूप बोर्ड का गठन कर समान अधिकार और अवसर दिए जा रहे हैं। ऐसे में कलार समाज को भी सम्मान और व्यवसायिक संरक्षण मिलना चाहिए।”
ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया कि महुआ एक महत्वपूर्ण वनोपज है, और इसके माध्यम से आज भी ग्रामीण अंचलों में कई परिवारों की आजीविका जुड़ी हुई है। महुआ बोर्ड का गठन होने से न सिर्फ पारंपरिक व्यवसाय को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि समाज के आर्थिक सशक्तिकरण में भी मदद मिलेगी।
ज्ञापन सौंपने के दौरान गरियाबंद जिला युवा मंच अध्यक्ष वंश गोपाल सिन्हा, गरियाबंद मंडलेश्वर गैंद लाल सिन्हा, छुरा युवा मंच अध्यक्ष गुलशन सिन्हा, दयाशंकर सिन्हा, सुरेश सिन्हा, खोवालाल सिन्हा, मुरली सिन्हा सहित कई समाजजन उपस्थित रहे।
समाज का कहना है कि यदि उनकी मांगों पर शीघ्र विचार नहीं किया गया तो वे राज्य स्तर पर आंदोलन की दिशा में भी कदम बढ़ा सकते हैं।
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