अंगद चंद्राकर – पिपरिया, कवर्धा
पंडरिया, छत्तीसगढ़ | पंडरिया विधानसभा से भारतीय जनता पार्टी की विधायक भावना बोहरा को मंत्रीमंडल में शामिल किए जाने की माँग इन दिनों ज़ोर पकड़ रही है। सोशल मीडिया पर समर्थकों द्वारा चलाया जा रहा अभियान तेजी से तूल पकड़ रहा है, जिसमें “भावना दीदी” को एक जनसरोकार से जुड़ी, कर्मठ और ज़मीनी नेता के रूप में स्थापित करते हुए उन्हें मंत्री बनाए जाने की पुरज़ोर अपील की जा रही है।
पंडरिया विधानसभा क्षेत्र को विकास की दृष्टि से राज्य के अपेक्षाकृत पिछड़े इलाकों में गिना जाता है। समर्थकों का कहना है कि ऐसी स्थिति में एक समर्पित और सक्रिय नेतृत्व की आवश्यकता है, जिसे भावना बोहरा ने विधायक रहते साबित भी किया है।
एक वायरल पोस्ट में लिखा गया है:
“पिछले सवा साल में भावना दीदी ने दिन-रात मेहनत कर यह दिखा दिया है कि उन्हें सिर्फ जनप्रतिनिधि नहीं, जनसेवक माना जाना चाहिए। सदन में उनकी प्रभावी उपस्थिति से लेकर कुकदूर जैसे सुदूर आदिवासी गाँवों में उनकी लगातार सक्रियता यह दर्शाती है कि वे सिर्फ कार्यालय की नहीं, मैदान की नेता हैं। ऐसे जनप्रतिनिधि को अगर जातीय या राजनीतिक समीकरणों की भेंट चढ़ाया गया, तो यह पंडरिया की जनता के साथ अन्याय होगा।”
अन्य यूजर्स ने लिखा :


ज्ञात हो कि भावना बोहरा को “एम्बुलेंस वाली दीदी” के नाम से भी जाना जाता है। उन्होंने अपनी पहल पर ज़रूरतमंदों के लिए मुफ्त एम्बुलेंस सेवा मुहैया कराई है। इससे पहले जिला पंचायत सदस्य रहते उन्होंने क्षेत्र की छात्राओं के लिए मुफ्त बस सेवा भी शुरू करवाई थी, जिससे सैकड़ों बालिकाओं को शिक्षा तक सुगम पहुँच मिली। वर्तमान राजनीतिक परिप्रेक्ष्य में पंडरिया से उठ रही यह आवाज़ भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के लिए एक स्पष्ट संकेत है — जनता अब प्रतिनिधित्व के साथ-साथ परिणाम भी चाहती है।
सोशल मीडिया पर हैशटैग #मंत्रीभावनादीदी_जिंदाबाद के साथ सैकड़ों पोस्ट शेयर हो रहे हैं। यदि यह जनसमर्थन इसी तरह बढ़ता रहा, तो मुख्यमंत्री और पार्टी संगठन पर निर्णय को लेकर दबाव और अधिक गहराता जाएगा।
अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि क्या भाजपा नेतृत्व पंडरिया की इस उभरती मांग को मंत्रिमंडल विस्तार में स्थान देगा या नहीं।
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