उमेश सिन्हा -बंलरामपुर
छोटे से गाँव में रचा गया भक्ति, संस्कृति और एकता का दिव्य इतिहास
राजपुर– प्रभु श्रीराम की असीम कृपा, धर्मनिष्ठ जनता की अनन्य श्रद्धा और श्रीराम शोभायात्रा आयोजन समिति के अथक प्रयासों से राजपुर में पहली बार आयोजित श्रीराम शोभायात्रा अपार भव्यता के साथ संपन्न हुई।
इस शोभायात्रा में जिस प्रकार से जनसैलाब उमड़ा, वह न केवल धर्म के प्रति लोगों की गहरी निष्ठा का प्रतीक था, बल्कि हमारी सनातन संस्कृति की अद्भुत जीवंतता का साक्ष्य भी बना। गाँव की गलियाँ, चौपाल, मंदिर परिसर, और मुख्य रास्ते भगवा ध्वजों, तोरणद्वारों और फूलों की सजावट से ऐसा प्रतीत हो रहे थे मानो स्वयं अयोध्या नगरी का रूप धर लिया हो।

भगवान श्रीराम, लक्ष्मण, माता सीता और हनुमान जी की झांकियाँ, भव्य रथ, नृत्य दल, भजन मंडलियाँ, ढोल-नगाड़ों और शंखनाद से शोभायात्रा एक आध्यात्मिक पर्व बन गई। जय श्रीराम के नारों से गूंजता वातावरण लोगों के मन में भक्ति की लौ जलाता रहा। बच्चे, युवा, माताएँ और बुजुर्ग—हर आयु वर्ग ने इस शोभायात्रा में उत्साहपूर्वक भाग लिया।
इस अलौकिक आयोजन को संभव बनाने में गाँव-क्षेत्र के प्रत्येक रामभक्त का योगदान रहा। इसी भावना के साथ श्रीराम शोभायात्रा आयोजन समिति ग्रामवासियों, क्षेत्रवासियों, धर्मप्रेमियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, मातृशक्ति, युवा मंडल, सुरक्षा व्यवस्था में सहयोगी प्रशासन, मीडिया प्रतिनिधियों, सजावट व झांकी निर्माण में लगे कलाकारों सहित सभी को हृदय से साधुवाद एवं कोटिशः धन्यवाद अर्पित करती है।
समिति ने विशेष रूप से उन श्रद्धेय संतों, अतिथियों एवं संस्थाओं का भी आभार व्यक्त किया है, जिनकी उपस्थिति ने इस शोभायात्रा को और अधिक दिव्यता प्रदान की।
“यह आयोजन केवल एक धार्मिक शोभायात्रा नहीं, बल्कि सनातन संस्कृति की जीवंत अभिव्यक्ति थी, जिसने गाँव को एक आध्यात्मिक ऊर्जा से भर दिया।”
(बिहान न्यूज़24×7 खबरे हमारी,भरोसा आपका)