हरदा से गोपाल शुक्ला
हरदा, 1 अप्रैल 2025 – प्रदेश सरकार द्वारा जल संरक्षण और संवर्धन को प्राथमिकता देते हुए ‘जल गंगा संवर्धन अभियान’ की शुरुआत की गई है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देशन में यह अभियान 30 जून तक चलेगा, जिसके तहत जल स्रोतों के गहरीकरण, पुनरुद्धार, सफाई और जल संचयन क्षमता को बढ़ाने के कार्य किए जा रहे हैं। सरकार का यह प्रयास प्रदेश में जल संकट को कम करने और जल संरक्षण को जन आंदोलन बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
ग्राम पंचायत कुकड़ापानी में हुआ श्रमदान और जनजागरूकता कार्यक्रम

हरदा जिले में मंगलवार को जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत ग्राम पंचायत कुकड़ापानी में एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में स्थानीय जनप्रतिनिधियों, पंचायत अधिकारियों और ग्रामीणों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। जल संरक्षण की दिशा में योगदान देने के उद्देश्य से सभी ने सामूहिक श्रमदान किया और तालाब से गाद निकालने का कार्य किया गया, जिससे उसकी जल संग्रहण क्षमता बढ़ सके।
कार्यक्रम के दौरान अधिकारियों ने ग्रामीणों को जल संरक्षण के महत्व के बारे में जागरूक किया और उन्हें पानी बचाने की शपथ दिलाई। पंचायत पदाधिकारियों ने बताया कि इस अभियान का उद्देश्य न केवल जल स्रोतों का पुनरुद्धार करना है, बल्कि जल संरक्षण के प्रति आमजन की जिम्मेदारी भी सुनिश्चित करना है।
ग्राम पंचायत पाटिया कुआं में भी चला सफाई अभियान
इस अभियान के तहत ग्राम पंचायत पाटिया कुआं में भी एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें ग्रामीणों और पंचायत पदाधिकारियों ने सार्वजनिक कूप से गाद निकालने और जल स्रोतों के आसपास की साफ-सफाई का कार्य किया। इस दौरान अधिकारियों ने जल संरक्षण के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि यदि समय रहते जल संरक्षण के उपाय नहीं किए गए, तो आने वाले समय में जल संकट और भी विकट हो सकता है।
जल संरक्षण को जन आंदोलन बनाने की कोशिश
जल गंगा संवर्धन अभियान का मुख्य उद्देश्य जल संरक्षण को एक जन आंदोलन बनाना है, जिसमें सरकार के साथ-साथ आम जनता भी सक्रिय भूमिका निभाए। हरदा जिले के विभिन्न गांवों में इस अभियान के तहत कई कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, जिसमें ग्रामीणों को जल संचयन, वर्षा जल संग्रहण और जल स्रोतों के पुनरुद्धार के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
सरकार का मानना है कि जल संरक्षण सिर्फ सरकार की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि हर नागरिक का कर्तव्य है। इसीलिए प्रशासनिक अधिकारियों ने अपील की कि सभी लोग जल संरक्षण के इस प्रयास में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें और अपने आसपास के जल स्रोतों की सफाई एवं संरक्षण की दिशा में पहल करें।
अभियान से बढ़ रही जागरूकता, लोग कर रहे हैं सक्रिय भागीदारी
जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत हरदा जिले में लोगों की जागरूकता लगातार बढ़ रही है। इस अभियान की खास बात यह है कि इसमें न केवल सरकारी मशीनरी जुड़ी हुई है, बल्कि आम लोग भी इसमें बढ़-चढ़कर भाग ले रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि जल संरक्षण की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण पहल है, जिससे भविष्य में पानी की कमी को दूर किया जा सकेगा।
अधिकारियों के अनुसार, जल संरक्षण को लेकर चल रहे इस अभियान का असर जल्द ही दिखने लगेगा और जल संकट से निपटने के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। प्रशासन ने सभी ग्राम पंचायतों को इस अभियान में सहयोग देने और जल संरक्षण कार्यों को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए हैं।
जल संरक्षण के लिए किए जा रहे प्रयास
- जल स्रोतों का गहरीकरण और पुनरुद्धार – तालाब, कुएं और अन्य जल स्रोतों से गाद निकालकर उनकी जल संचयन क्षमता बढ़ाई जा रही है।
- जनजागरूकता कार्यक्रम – ग्रामीणों को जल संरक्षण की शपथ दिलाई जा रही है और उन्हें जल बचाने के उपाय सिखाए जा रहे हैं।
- साफ-सफाई अभियान – जल स्रोतों के आसपास सफाई कर जल की गुणवत्ता को बनाए रखने के प्रयास किए जा रहे हैं।
- सामूहिक श्रमदान – स्थानीय लोग स्वयं श्रमदान कर जल संरक्षण कार्यों में योगदान दे रहे हैं।
जल संरक्षण की दिशा में एक बड़ा कदम
‘जल गंगा संवर्धन अभियान’ के तहत हो रहे कार्यों से जल संरक्षण को लेकर एक नई सोच विकसित हो रही है। यदि इस तरह के प्रयास लगातार जारी रहे, तो आने वाले समय में जल संकट की समस्या को काफी हद तक कम किया जा सकता है। प्रदेश सरकार इस अभियान को सफल बनाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है और आने वाले महीनों में इसे और व्यापक स्तर पर लागू करने की योजना बना रही है।
जल संरक्षण की इस मुहिम में हर व्यक्ति की भागीदारी आवश्यक है, ताकि हम अपने प्राकृतिक संसाधनों को बचा सकें और आने वाली पीढ़ियों के लिए जल की उपलब्धता सुनिश्चित कर सकें।
(बिहान न्यूज़24×7 खबरे हमारी,भरोसा आपका)