उमेश सिन्हा
बलरामपुर, राजपुर 09 अप्रैल 2025। राजपुर नगर में श्रद्धा, भक्ति और संस्कृति का ऐसा अद्भुत संगम देखने को मिला, जब श्रीश्याम सेवा समिति के तत्वावधान में तृतीय श्रीश्याम संकीर्तन महोत्सव के अंतर्गत भव्य निशान यात्रा का आयोजन किया गया। मां महामाया मंदिर प्रांगण से आरंभ हुई यह यात्रा नगरवासियों की आस्था और उत्साह का प्रतीक बन गई। यात्रा की शुरुआत श्रीराधा-कृष्ण मंदिर परिसर से विधिवत पूजा-अर्चना के साथ हुई। श्रद्धालुओं ने श्रीश्याम बाबा की दिव्य झांकी की आरती कर निशान यात्रा के रथ को शुभारंभ किया। रथ के साथ निकली यात्रा में ढोल-नगाड़ों की गूंज, डीजे की धुन, और भक्तों की जयघोष से पूरा वातावरण गूंज उठा।
शहर बना आस्था का दरबार
इस निशान यात्रा ने राजपुर नगर को भक्ति में सराबोर कर दिया। यात्रा के मार्ग—पेट्रोल पंप, बस स्टैंड, गांधी चौक, अग्रवाल धर्मशाला, बूढ़ाबगीचा—से होकर गुजरी, जहां हर गली, हर मोड़ पर श्रद्धालु पुष्पवर्षा कर यात्रा का स्वागत कर रहे थे। छतों से फूलों की वर्षा होती रही, तो वहीं ड्रोन कैमरों से भी आसमान से पुष्पों की बौछार कर नगरवासियों को भक्ति से भीगा दिया गया।
महिलाओं और युवाओं की विशेष सहभागिता
इस निशान यात्रा में बड़ी संख्या में महिलाएं, पुरुष और बच्चे शामिल हुए। महिलाएं पारंपरिक परिधानों में, हाथों में निशान और ध्वज लिए श्रद्धा से लबरेज़ नजर आईं। युवाओं ने सफेद वस्त्रों के साथ केसरिया गमछा और ध्वज धारण कर बैंड-बाजे और डीजे की धुन पर नृत्य करते हुए वातावरण को ऊर्जा से भर दिया।
सामाजिक समरसता और सेवा का अद्भुत दृश्य
यात्रा के मार्ग में जगह-जगह पानी, शरबत और विश्राम की व्यवस्था की गई थी। स्थानीय व्यापारियों, समाजसेवियों और आम नागरिकों ने तन-मन-धन से सेवा कर यह संदेश दिया कि जब बात धर्म और समाज की हो, तो पूरा नगर एकजुट हो जाता है। यह यात्रा केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि सामाजिक समरसता और संस्कृति की जीवंत मिसाल बनकर उभरी।
अग्रवाल धर्मशाला में हुआ समापन
यह भव्य निशान यात्रा अंततः अग्रवाल धर्मशाला पहुंचकर संपन्न हुई, जहां श्रद्धालुओं ने सामूहिक रूप से श्रीश्याम बाबा के जयकारों के साथ संकीर्तन कर कार्यक्रम की सफलता के लिए आभार प्रकट किया। कार्यक्रम का समापन प्रसाद वितरण और भजन-कीर्तन के साथ किया गया।
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