हरदा से गोपाल शुक्ला
हरदा। पूज्य सिंधी समाज हरदा द्वारा संत शिरोमणि संत कंवर राम जी की जयंती रविवार को श्रद्धा, उत्साह और भक्ति भाव के साथ भव्य रूप से मनाई गई। इस अवसर पर समाजजन संत कंवर राम चौक पर एकत्र हुए और जयकारों के साथ संतजी के जीवन मूल्यों को स्मरण किया। कार्यक्रम का शुभारंभ संत कंवर राम जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण से हुआ, जिसमें समाज के वरिष्ठजनों, महिलाओं और युवाओं की बड़ी भागीदारी रही।
कार्यक्रम में तोलाराम असरानी, मनोज केसवानी, तिलोक आडवाणी, खेमचंद कपूर, जयपाल धामेजा, नेता प्रतिपक्ष अमर रोचलानी, पूर्व पार्षद संजय लोकवाणी, हीरालाल, महेश धमनानी, नरवानी, जय पुरवानी, महाराज नानक उदासी, महेन्द्र कपूर सहित अनेक गणमान्य नागरिक विशेष रूप से उपस्थित रहे।

नेता प्रतिपक्ष अमर रोचलानी ने कहा,
“संत कंवर राम जी हमारे समाज के गौरव हैं। उनका जीवन समर्पण, सेवा, सच्चाई और आध्यात्मिक चेतना से परिपूर्ण था। हमें उनके आदर्शों को आत्मसात कर समाज में एकता, प्रेम और सद्भाव का वातावरण बनाना चाहिए।”
भक्ति, करुणा और सामाजिक चेतना के प्रतीक संत कंवर राम जी
संत कंवर राम जी का जन्म 13 अप्रैल 1885 को सिंध के जरक शहर (अब पाकिस्तान में) में हुआ था। वे न केवल एक आध्यात्मिक संत, बल्कि कुशल कवि, भजन गायक और समाज सुधारक भी थे। उनकी भजन गायकी इतनी प्रभावशाली होती थी कि सुनने वालों की आंखें भीग जाती थीं। उन्होंने अपने भजनों के माध्यम से समाज में भाईचारा, एकता और सच्चाई का संदेश फैलाया।
संत कंवर राम जी का जीवन जाति, धर्म और वर्गभेद से ऊपर उठकर हर व्यक्ति को ईश्वर का अंश मानने की शिक्षा देता है। उनका व्यक्तित्व न केवल आध्यात्मिक प्रेरणा का स्रोत था, बल्कि सामाजिक एकजुटता का मजबूत स्तंभ भी बना।
हरदा में आयोजित यह कार्यक्रम सिंधी समाज की आस्था, संस्कृति और एकता का सुंदर उदाहरण बना, जो आने वाली पीढ़ियों को भी प्रेरणा देता रहेगा।
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