गरियाबंद, 7 फरवरी: आग दुर्घटना के 48 दिन बाद ससुर अंशू राम सिन्हा (70) और बहू वीणा सिन्हा (34) का निधन हो गया। राजधानी के एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान दोनों ने दम तोड़ दिया। आज उनके निवास से एक साथ उठी अर्थी देखकर हर किसी की आंखें छलक पड़ीं। गरियाबंद मुक्तिधाम में दोनों का अंतिम संस्कार विधि-विधान से किया गया।


🔥 केरोसिन डालते समय हुआ हादसा
23 दिसंबर की सुबह ठंड से बचने के लिए अंशू राम सिन्हा आग तेज करने की कोशिश कर रहे थे। जब आग ठीक से नहीं जल पाई तो उन्होंने बहू वीणा से केरोसिन डालने को कहा। जैसे ही केरोसिन डिब्बे से गिरा, आग भभक उठी और जोरदार ब्लास्ट हो गया। इस हादसे में दोनों ससुर और बहू 70% तक झुलस गए। उन्हें तत्काल राजधानी के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां 48 दिनों तक जिंदगी और मौत की जंग लड़ने के बाद पहले बहू वीणा ने दम तोड़ा, फिर एक घंटे बाद ससुर अंशू सिन्हा भी चल बसे। आज दोनों के शव गरियाबंद लाए गए।
💔 एक साथ उठी अर्थी, छलक पड़े आंसू
अंशू सिन्हा, जो गरियाबंद जिला सहकारी बैंक में ब्रांच मैनेजर पद से रिटायर हुए थे, का भरा-पूरा परिवार था। मृतका वीणा उनके इकलौते बेटे लोकेश की पत्नी थीं। अंतिम दर्शन के लिए मंगल बाजार स्थित उनके घर पर नाते-रिश्तेदारों की भारी भीड़ उमड़ी। जब दोनों की अर्थी एक साथ उठी तो माहौल गमगीन हो गया और हर आंख नम हो गई। भावनात्मक माहौल में परिवार और सैकड़ों लोगों ने दोनों को नम आंखों से अंतिम विदाई दी।