राम लखन पाठक।
सिंगरौली, देवसर:
देवसर मुख्य बाजार की सड़कों पर अतिक्रमण अब स्थानीय जनता के लिए सिरदर्द बन चुका है। जहां एक ओर आम लोग रोजाना जाम और दुर्घटनाओं से परेशान हैं, वहीं प्रशासन की चुप्पी और निष्क्रियता पूरे हालात को और बिगाड़ रही है।

बीते माह सांसद डॉ. राजेश मिश्रा भी देवसर-बैढ़न मार्ग से गुजरते समय भारी जाम में फंस गए थे। इस अनुभव के बाद उन्होंने जिला स्तरीय सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया। कलेक्टर ने तत्काल प्रभाव से एसडीएम देवसर को निर्देश दिए कि एक सप्ताह के भीतर अतिक्रमण हटाया जाए। लेकिन आज तक हालात जस के तस हैं — न तो अतिक्रमण हटा और न ही जिम्मेदार अधिकारियों ने कोई ठोस कदम उठाया।

हर दिन की परेशानी, लेकिन नहीं उठता प्रशासन का कदम
देवसर बाजार की सड़कों पर दुकानदारों द्वारा खुलेआम कब्जा कर लिया गया है। सुबह होते ही दुकानों का सामान फुटपाथ से लेकर सड़क तक फैलाया जाता है, जिससे राहगीरों और वाहन चालकों के लिए निकलना मुश्किल हो जाता है। छोटे-बड़े वाहनों की कतारें आम दृश्य बन चुकी हैं, और हर दिन जाम लगना मानो इस बाजार की नियति बन गई है।
दुर्घटनाओं का बाजार में स्थायी डर
13 मार्च 2025 को इसी अतिक्रमण के चलते बाजार में एक दर्दनाक हादसा हुआ। शिव मंदिर रोड के सामने 80 वर्षीय बुजुर्ग दशमंत साकेत एक वाहन की चपेट में आ गए और उनकी मौके पर ही मौत हो गई। इस हादसे ने प्रशासन को एक बार फिर चेताया, लेकिन परिणाम वही रहा — “कुछ नहीं बदला।”
प्रशासनिक असमर्थता या उदासीनता?
स्थानीय लोगों का कहना है कि एसडीएम और नगरपालिका के अधिकारी प्रतिदिन इसी मार्ग से गुजरते हैं, लेकिन अतिक्रमण हटाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। जिम्मेदार अधिकारी सिर्फ निर्देशों को फाइलों में कैद करके छोड़ देते हैं। जब सांसद और कलेक्टर के स्पष्ट आदेशों के बाद भी कार्रवाई नहीं हो रही, तो सवाल उठता है — क्या देवसर बाजार पर किसी का नियंत्रण नहीं है?

जनता का सवाल — अब अतिक्रमण कौन हटाएगा?
बाजार के व्यापारी अपने लाभ के लिए सड़क पर कब्जा किए बैठे हैं और प्रशासनिक मशीनरी मूकदर्शक बनी हुई है। लोग अब पूछ रहे हैं कि अगर सांसद और कलेक्टर की बात को भी नजरअंदाज किया जा रहा है, तो फिर समाधान किससे उम्मीद की जाए?
. (बिहान न्यूज़24×7 खबरे हमारी,भरोसा आपका)