निखिल वखारिया।
गरियाबंद, छत्तीसगढ़ — श्रीराम नवमी के पावन अवसर पर गरियाबंद नगर ने आस्था, भक्ति और उल्लास की एक नई मिसाल पेश की। हिंदू रक्षा मंच के तत्वावधान में आयोजित श्रीराम नवमी की भव्य शोभा यात्रा ने सम्पूर्ण नगर को प्रभु श्रीराम के रंग में रंग दिया। “जय श्रीराम” और “बजरंगबली की जय” के गगनभेदी नारों से गरियाबंद का आकाश गूंज उठा।

श्रीराममय हुआ गरियाबंद नगर
सोमवार की सायं जैसे ही श्रीराम जानकी मंदिर से वैदिक मंत्रोच्चार के बीच शोभा यात्रा का शुभारंभ हुआ, पूरा नगर श्रीराम भक्ति में लीन हो गया। लहराते भगवा ध्वज, शंखनाद, और जयघोषों से वातावरण ऐसा प्रतीत हो रहा था मानो त्रेतायुग की दिव्यता वर्तमान में अवतरित हो गई हो।

श्रीराम की झांकियों ने मोहा मन
शोभा यात्रा में श्रीराम, माता सीता, लक्ष्मण एवं पवनपुत्र हनुमान की सजीव झांकियों ने श्रद्धालुओं का मन मोह लिया। विशेष आकर्षण का केंद्र था अयोध्या के श्रीराम मंदिर की तर्ज पर सजाया गया रथ, जिस पर श्रीराम लला की भव्य प्रतिमा विराजमान थी। श्रद्धालु उन्हें देख भावविभोर हो उठे।
संस्कृति और शौर्य का संगम
शोभा यात्रा में छत्तीसगढ़ और उड़ीसा की पारंपरिक झलक भी देखने को मिली। कोपरा व धमतरी के अखाड़ों द्वारा तलवारबाजी और लाठी-डंडे का प्रदर्शन, घूमड़ा नृत्य और गौरी घुमाल ने धार्मिक उत्सव को सांस्कृतिक पर्व में बदल दिया। पूरा वातावरण वीर रस और भक्ति रस में डूब गया।

आध्यात्मिक ऊर्जा से सराबोर हुआ वातावरण
कार्यक्रम में भागवताचार्य पंडित युवराज पांडेय के प्रवचनों ने भक्तों को श्रीराम के जीवन से प्रेरणा लेने की सीख दी। उन्होंने कहा, “श्रीराम नवमी केवल पर्व नहीं, बल्कि राम के सिद्धांतों को अपनाने का अवसर है। राम का जीवन धर्म, मर्यादा और सेवा का प्रतीक है।”
राजनीतिक और सामाजिक नेतृत्व की सहभागिता
कार्यक्रम में राजिम विधायक रोहित साहू, भाजपा जिलाध्यक्ष अनिल चंद्राकर समेत अनेक जनप्रतिनिधि शामिल हुए। विधायक साहू ने कहा, “श्रीराम केवल राजा नहीं, बल्कि जीवन दर्शन हैं। यदि हम उनके आदर्शों को अपनाएं, तो समाज में प्रेम, शांति और समृद्धि स्वतः आ जाएगी।”

भव्य स्वागत और प्रबुद्ध आयोजन
शोभा यात्रा के मार्ग में जगह-जगह स्वागत द्वार, पुष्पवर्षा, आरती और प्रसाद वितरण की व्यवस्था थी। नगरवासियों ने श्रद्धा से शोभायात्रा का स्वागत किया। गली-गली में “रघुपति राघव राजा राम” की गूंज सुनाई दे रही थी।
सुरक्षा और अनुशासन की मिसाल
प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था में कोई कसर नहीं छोड़ी। यात्रा पूरी तरह शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुई। समापन अवसर पर संत-महात्माओं ने श्रीराम के आदर्शों पर प्रकाश डालते हुए समाज में एकता और प्रेम फैलाने का आह्वान किया।

भक्ति में डूबा नगर, रातभर गूंजे भजन
शोभा यात्रा के समापन के बाद भी भक्ति का उत्साह बना रहा। देर रात तक मंदिरों में भजन-कीर्तन और श्रीरामचरितमानस का पाठ होता रहा। नगर के प्रत्येक कोने में राम नाम की गूंज थी।
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