फेरीवाला चुनाव रद्द करने की मांग को लेकर टीएमसी के सामने किया गया ठिया आंदोलन

Thiya Andolan

ठाणे से अरविंद कोठारी

ठाणे : ठाणे महानगरपालिका क्षेत्र में 30,000 से अधिक फेरीवाले हैं। फेरीवाला कानून 2014 के अनुसार, वर्ष 2016 और 2019 में सभी फेरीवालों का बायोमीट्रिक सर्वे किया जाना आवश्यक था, लेकिन प्रशासन ने अपने कर्तव्यों का सही तरह से पालन नहीं किया। पूरे ठाणे शहर में केवल 6,000 फेरीवालों का ही सर्वे किया गया, जिसमें से सिर्फ 1,365 फेरीवालों को इस बार के इलेक्शन में वोट का अधिकार मिला। बाकी हजारों फेरीवालों को वोट देने के अधिकार से वंचित कर दिया गया, जिसे फेरीवालों ने अन्यायपूर्ण बताया।

चुनाव प्रक्रिया में अनियमितता और कानून का उल्लंघन
फेरीवाला कानून के अनुसार, चुनाव की तारीख कम से कम तीन महीने पहले घोषित की जानी चाहिए थी और इस विषय में फेरीवालों में जनजागृति फैलानी चाहिए थी। लेकिन अधिकारियों द्वारा ऐसा कुछ भी नहीं किया गया, जिससे साफ पता चलता है कि नियमों का पालन नहीं हुआ। इसी आधार पर फेरीवालों ने इस चुनाव को रद्द करने की मांग की है। साथ ही जब तक सभी फेरीवालों का बायोमीट्रिक सर्वे नहीं हो जाता और उन्हें उचित स्थान नहीं दिया जाता, तब तक उन पर किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं होनी चाहिए। यदि कार्रवाई करनी हो, तो पहले पंचनामा और नोटिस देना चाहिए, जो कि पालिका द्वारा नहीं किया जा रहा है।

हफ्ता वसूली के आरोप और बाजार की मांग
दीवा प्रभाग समिति के अंतर्गत फेरीवालों ने आरोप लगाया कि पालिका कर्मचारी रोहित ओझा ने निजी व्यक्तियों के साथ मिलकर करोड़ों रुपये की हफ्ता वसूली की है, और यह अभी भी जारी है। यह आरोप समाजसेवक अमोल केन्द्रे ने लगाया और पुलिस प्रशासन से इसकी जांच कर कार्रवाई की मांग की। साथ ही, पचास साल से अधिक पुराने बाजार क्षेत्रों में फेरीवालों ने हॉकर्स झोन के रूप में प्राकृतिक बाजार बनाने की मांग रखी है ताकि उन्हें स्थायी व्यापार का स्थान मिल सके।

Letter to Mahanagar Palika

प्रशासनिक आश्वासन और आंदोलन की चेतावनी
इन सभी मुद्दों को लेकर आज ठाणे महानगरपालिका कार्यालय के सामने फेरीवालों ने आंदोलन किया। नौपाड़ा पुलिस थाने के अधिकारियों ने मुख्यालय उप आयुक्त गोदेपुरे से चर्चा कराई, जिन्होंने अतिक्रमण उप आयुक्त शंकर पाटोले से बात कर सभी मांगों की जांच कर उचित कार्रवाई का लिखित आश्वासन दिया। इस आश्वासन को देखते हुए आज का आंदोलन स्थगित कर दिया गया। अमोल धनराज केन्द्रे ने स्पष्ट किया कि यदि 6 मार्च तक मांगों पर निर्णय नहीं लिया गया, तो आंदोलन और अधिक तेज किया जाएगा और जब तक फेरीवालों को न्याय नहीं मिलता, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।

आज के आंदोलन में दीपक भालेराव,बबन कांबले,अरविंद कोठारी,अश्विनी अमोल केन्द्रे, ने मार्गदर्शन किया।राजू गुप्ता,अभय दूबे,अनिल मौर्या, कृष्णा जाधव,अजय गुप्ता,संगम डोंगरे सहित कई सामाजिक संगठन के पदाधिकारी के साथ फेरीवाले आंदोलन में शामिल हुए।

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Nikhil Vakharia

Nikhil Vakharia

मुख्य संपादक

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