अब माँ का नाम होगा ज़रूरी, तभी खुलेंगी सरकारी नौकरी की राहें

निखिल वखारिया।
रायपुर, 1 अप्रैल 2025 —छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) ने इस वर्ष से आवेदन प्रक्रिया में बड़ा बदलाव करते हुए सभी परीक्षाओं के लिए माँ का नाम अनिवार्य कर दिया है। यह नियम राज्य में महिलाओं के सम्मान और पहचान को बढ़ावा देने की दिशा में एक सराहनीय कदम माना जा रहा है। अब कोई भी अभ्यर्थी व्यापमं की परीक्षाओं के लिए फॉर्म तभी भर पाएगा जब वह अपनी माँ का नाम स्पष्ट रूप से दर्ज करेगा।

32 परीक्षाओं में लागू होगा नया फॉर्मेट
इस वर्ष व्यापमं द्वारा 9 मार्च से लेकर 21 दिसंबर 2025 के बीच कुल 32 परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी। इनमें लगभग 22 लाख से अधिक अभ्यर्थियों के शामिल होने की संभावना है। सभी परीक्षाओं के लिए एक नया एकीकृत आवेदन फॉर्म लागू किया गया है, जिसमें ‘माँ का नाम’ भरना अनिवार्य कर दिया गया है।

पहले से नहीं था अनिवार्य
अब तक आवेदन में केवल पिता का नाम अनिवार्य होता था और माँ का नाम वैकल्पिक रूप से भरा जाता था। लेकिन अब यह मान्यता दी जा रही है कि परिवार में माँ का भी उतना ही महत्व है जितना पिता का। इससे पहले राष्ट्रीय स्तर पर जैसे UPSC, SSC, रेलवे, NEET, JEE जैसे कई बड़े एग्जाम फॉर्म में भी माँ का नाम अनिवार्य किया जा चुका है।

क्यों जरूरी है यह बदलाव?
व्यापमं के अधिकारियों के अनुसार आवेदन में माँ का नाम भरने से पहचान की सटीकता बढ़ेगी और कई योजनाओं से लिंक करने में आसानी होगी। साथ ही यह कदम समाज में लैंगिक समानता को बढ़ावा देगा।

इन राज्यों में पहले से अनिवार्य है माँ का नाम:
महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, गुजरात, झारखंड जैसे कई राज्यों में माँ का नाम आवेदन प्रक्रिया में पहले से ही जरूरी किया जा चुका है।

माँ के नाम से जुड़ी योजनाएं भी होंगी प्रभावी
छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा महिलाओं के नाम से चलाई जा रही योजनाओं जैसे कि ‘मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना’, ‘महिला स्वावलंबन योजना’ आदि को जोड़ने में भी यह नया कदम सहायक सिद्ध होगा।

व्यापमं की सलाह:
संयुक्त निदेशक केदार पटेल ने बताया कि उम्मीदवार आवेदन करते समय सावधानीपूर्वक नाम की स्पेलिंग भरें और विशेष रूप से माँ के नाम की स्पेलिंग आधार कार्ड या सरकारी दस्तावेजों के अनुसार ही दर्ज करें, ताकि भविष्य में किसी प्रकार की समस्या न आए।


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Nikhil Vakharia

Nikhil Vakharia

मुख्य संपादक

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