महादेव सट्टा एप घोटाला: CBI का बड़ा एक्शन, भूपेश बघेल, सौम्या चौरसिया, 4 IPS समेत 60 से ज्यादा ठिकानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी

निखिल वखारिया

छत्तीसगढ़, दिल्ली, भोपाल, कोलकाता में एक साथ कार्रवाई, करोड़ों की हेराफेरी के सबूत तलाश रही CBI

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रायपुर/भिलाई:

महादेव सट्टा एप घोटाले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने बुधवार को बड़े स्तर पर छापेमारी की। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर, भिलाई, दुर्ग समेत 60 से ज्यादा ठिकानों पर एक साथ दबिश दी गई।

भूपेश बघेल के घर के बाहर कांग्रेस कार्यकर्ता विरोध करते हुए

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CBI की यह कार्रवाई सिर्फ छत्तीसगढ़ तक सीमित नहीं रही, बल्कि दिल्ली, भोपाल और कोलकाता में भी टीमों ने छापेमारी की।इस रेड में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, उनकी पूर्व उप सचिव सौम्या चौरसिया, चार IPS अधिकारी, 7 पुलिस अधिकारी, राजनीतिक सलाहकार, पूर्व OSD, और कई नौकरशाहों के ठिकाने शामिल हैं।

CBI के निशाने पर कौन-कौन?

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1. बड़े राजनीतिक नाम:

✅ भूपेश बघेल (पूर्व मुख्यमंत्री) – रायपुर और भिलाई स्थित आवास पर छापा
✅ विनोद वर्मा (पूर्व राजनीतिक सलाहकार)
✅ देवेन्द्र यादव (भिलाई नगर विधायक)
✅ सौम्या चौरसिया (पूर्व उप सचिव)
✅ आशीष वर्मा और मनीष बंछोर (भूपेश बघेल के पूर्व OSD)
✅ निशांत त्रिपाठी (केपीएस स्कूल संचालक)

2. वरिष्ठ IPS और पुलिस अधिकारी:

✅ डॉ. आनंद छाबड़ा (पुलिस महानिरीक्षक)
✅ आरिफ शेख (पुलिस महानिरीक्षक)
✅ प्रशांत अग्रवाल (रायपुर के पूर्व एसएसपी)
✅ अभिषेक पल्लव (IPS अधिकारी)
✅ अभिषेक माहेश्वरी (एडिशनल एसपी)
✅ संजय ध्रुव (एडिशनल एसपी)
✅ गिरीश तिवारी (थाना प्रभारी)

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3. महादेव एप केस से जुड़े लोग:

✅ भीम यादव, सहदेव यादव, अर्जुन यादव (पहले गिरफ्तार पुलिसकर्मी)

CBI ने किन-किन जगहों पर मारे छापे?

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▶️ रायपुर: भूपेश बघेल का सरकारी बंगला
▶️ भिलाई: बघेल का पदुमनगर स्थित निजी आवास
▶️ दुर्ग: विधायक देवेंद्र यादव का सेक्टर 5 स्थित बंगला
▶️ कोलकाता, दिल्ली, भोपाल: महादेव एप से जुड़े कारोबारियों और नौकरशाहों के घर

CBI की 10 से ज्यादा टीमें इस ऑपरेशन में शामिल थीं, और दुर्ग जिले में 16 जगहों पर छापेमारी की गई।

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क्या है महादेव सट्टा एप घोटाला?

▶️ महादेव सट्टा एप एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है, जहां हजारों करोड़ रुपये की सट्टेबाजी होती थी।
▶️ इस एप का संचालन दुबई से किया जा रहा था और इसमें राजनीतिक संरक्षण और पुलिस अधिकारियों की मिलीभगत के आरोप लगे थे।
▶️ प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पिछले साल इस घोटाले में 500 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की थी।
▶️ यह घोटाला 6 हजार करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है और अब CBI इसकी गहराई से जांच कर रही है।

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CBI रेड पर नेताओं की प्रतिक्रिया:

भूपेश बघेल: CBI रेड पर भूपेश बघेल ने सोशल मीडिया (X) पर लिखा –“अब CBI आई है।”

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कांग्रेस नेता सुशील आनंद शुक्ला:“भाजपा राजनीतिक बदले की भावना से काम कर रही है। पहले ईडी भेजी थी, अब CBI को भेजा है।”

डिप्टी सीएम अरुण साव: “यह कांग्रेस का रटा-रटाया बयान है। सरकार घोटालों की जांच करवा रही है। जो दोषी होगा, उस पर कार्रवाई होगी।”

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गृहमंत्री विजय शर्मा: “नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने खुद CBI जांच की मांग की थी। कांग्रेस खुद ही फंस गई है।”

पहले भी हुई थी ईडी की कार्रवाई:

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▶️ 10 मार्च 2025 को ईडी (ED) ने भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल के ठिकानों सहित 14 जगहों पर रेड डाली थी।
▶️ उस वक्त 500 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति जब्त की गई थी।
▶️ अब CBI जांच के बाद और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं।

CBI की अगली कार्रवाई क्या होगी?

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▶️ CBI जब्त दस्तावेजों और डिजिटल डेटा की जांच करेगी।
▶️ इसके बाद आरोपियों से पूछताछ शुरू होगी।
▶️ अगर CBI को पुख्ता सबूत मिलते हैं, तो गिरफ्तारियां भी हो सकती है

इस छापेमारी का राजनीतिक असर:

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▶️ 2024 लोकसभा चुनाव के बाद कांग्रेस और भाजपा के बीच तनातनी तेज हो गई थी।
▶️ कांग्रेस इसे राजनीतिक बदले की कार्रवाई बता रही है, जबकि भाजपा इसे घोटालों की जांच का हिस्सा कह रही है।
▶️ इससे पहले छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में भाजपा ने भ्रष्टाचार के मुद्दे को जोर-शोर से उठाया था।

निष्कर्ष:

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CBI की इस ताबड़तोड़ छापेमारी ने छत्तीसगढ़ की राजनीति में भूचाल ला दिया है।

▶️ पूर्व मुख्यमंत्री, उनके करीबी, IPS और नौकरशाहों के घर छापे पड़ना यह दिखाता है कि मामला बेहद गंभीर है।
▶️ CBI की जांच से आने वाले दिनों में और बड़े खुलासे होने की संभावना है।
▶️ यह मामला छत्तीसगढ़ की राजनीति और प्रशासनिक तंत्र के भ्रष्टाचार से जुड़े बड़े रहस्यों को उजागर कर सकता है।

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Nikhil Vakharia

Nikhil Vakharia

मुख्य संपादक

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