संवाददाता: अरविंद कोठारी
दिवा (ठाणे): शिक्षा के नाम पर वर्षों से चल रहे गैरकानूनी स्कूलों पर अब लगाम लग चुकी है। दिवा शहर में संचालित 65 अनधिकृत स्कूलों को बंद करने का आदेश ठाणे महानगरपालिका (TMC) के शिक्षा विभाग ने जारी कर दिया है। यह कार्यवाही सूचना का अधिकार (RTI) कार्यकर्ता अरविंद कोठारी और बहुजन समाज पार्टी (BSP) के कल्याण ग्रामीण विधानसभा अध्यक्ष दीपक भाऊ खंदारे के सतत संघर्ष और प्रयासों का नतीजा है।
पिछले कई वर्षों से दिवा क्षेत्र में बड़ी संख्या में बिना किसी मान्यता के स्कूल संचालित हो रहे थे, जहां बच्चों को न तो गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल रही थी और न ही भविष्य की कोई गारंटी। इस स्थिति को देखते हुए कोठारी और खंदारे ने लगातार शिक्षा विभाग, महानगरपालिका और राज्य सरकार से पत्रव्यवहार कर ठोस कार्रवाई की मांग की।

प्रशासनिक कार्रवाई की प्रमुख बातें:
- शिक्षा विभाग के उपायुक्त श्री सचिन सांगले और शिक्षा अधिकारी श्री कमलाकांत म्हेत्रे ने लिखित आदेश जारी करते हुए सभी 65 अनधिकृत स्कूलों को बंद करने के निर्देश दिए हैं।
- इन स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों को पास के मान्यता प्राप्त स्कूलों में प्रवेश दिलवाने के लिए 9 नियोजन दल बनाए गए हैं। यह दल क्षेत्रवार काम करेंगे ताकि कोई भी विद्यार्थी शिक्षा से वंचित न रहे।
- शैक्षणिक वर्ष 2025-26 से किसी भी अनधिकृत स्कूल को चलने की अनुमति नहीं दी जाएगी। अगर कोई ऐसा करता पाया गया तो उसके खिलाफ कठोर प्रशासनिक और आपराधिक कार्रवाई की जाएगी।
- इस मामले में उपमुख्यमंत्री, ठाणे महानगरपालिका आयुक्त और राज्य शिक्षा आयुक्त द्वारा सख्त आदेश जारी किए गए हैं। उच्च न्यायालय ने भी दिनांक 30 जनवरी 2025 को TMC को लापरवाही के लिए तीव्र शब्दों में फटकार लगाई थी।
- फिलहाल, वर्तमान शैक्षणिक वर्ष की परीक्षा 30 अप्रैल 2025 तक मान्य रहेगी ताकि छात्रों को नुकसान न हो।
अभिभावकों के लिए महत्वपूर्ण अपील:
प्रशासन की ओर से सभी अभिभावकों से आग्रह किया गया है कि वे अनधिकृत स्कूलों से जुड़े भ्रम और अफवाहों में न आएं। उन्हें अपने बच्चों का भविष्य सुरक्षित रखने के लिए केवल मान्यता प्राप्त स्कूलों में ही प्रवेश दिलाना चाहिए। इसके अलावा, यदि कोई अनधिकृत स्कूल फिर से संचालित होता दिखाई दे, तो उसकी जानकारी तुरंत शिक्षा विभाग या स्थानीय प्रशासन को दी जाए।

भविष्य के लिए एक उदाहरण:
यह कार्यवाही केवल दिवा शहर के लिए नहीं, बल्कि पूरे राज्य और देश के लिए एक उदाहरण है कि कैसे एक जागरूक नागरिक और एक जिम्मेदार जनप्रतिनिधि मिलकर शिक्षा माफिया के खिलाफ सफल संघर्ष कर सकते हैं। अरविंद कोठारी और दीपक भाऊ खंदारे के प्रयासों ने यह साबित कर दिया है कि अगर नागरिक और प्रशासन साथ हों, तो कोई भी व्यवस्था बदली जा सकती है।
(बिहान न्यूज़24×7 खबरे हमारी,भरोसा आपका)