निखिल वखारिया।
सैकड़ों श्रद्धालुओं ने की पूजा-अर्चना, भजनों की गूंज के बीच अबीर-गुलाल उड़ाकर मनाया रंगोत्सव
गरियाबंद: होली के पावन अवसर पर गरियाबंद के गायत्री मंदिर में भव्य होलिका दहन और रंगोत्सव का आयोजन किया गया। सैकड़ों श्रद्धालुओं ने इस धार्मिक आयोजन में भाग लिया और भक्ति एवं उल्लास के रंगों में सराबोर हो गए। मंदिर परिसर में 34 वर्षों से चली आ रही इस परंपरा का निर्वहन करते हुए भक्तों ने पूजा-अर्चना, होलिका दहन और भजन-कीर्तन के माध्यम से इस पर्व को श्रद्धा और उमंग के साथ मनाया।
34 वर्षों से जारी परंपरा ने भक्तों में भरा उत्साह
गायत्री मंदिर में होलिका दहन की यह परंपरा विगत 34 वर्षों से अनवरत जारी है। हर वर्ष फाल्गुन पूर्णिमा के दिन मंदिर परिसर में होलिका दहन किया जाता है, जिसमें सैकड़ों श्रद्धालु भाग लेते हैं। इस आयोजन के माध्यम से भक्तगण बुराई पर अच्छाई की विजय का संदेश देते हैं। इस बार भी यह परंपरा पूरी भक्ति और श्रद्धा के साथ निभाई गई।
होलिका दहन के बाद भक्तों ने खेली गुलाल और अबीर की होली
होलिका दहन के पश्चात भक्तों ने गुलाल और अबीर उड़ाकर होली का पर्व धूमधाम से मनाया। एक-दूसरे को रंग-गुलाल लगाकर आपसी प्रेम और भाईचारे का संदेश दिया। मंदिर परिसर भक्ति और उल्लास के रंगों से सराबोर हो गया। बच्चों, युवाओं और बुजुर्गों सहित सभी श्रद्धालु इस रंगोत्सव में झूमते नजर आए।
भजन-कीर्तन से गूंज उठा मंदिर परिसर
होलिका दहन के बाद मंदिर में विशेष भजन-कीर्तन का आयोजन किया गया। भक्ति संगीत और गायत्री मंत्रों की गूंज से पूरा मंदिर परिसर भक्तिमय हो गया। श्रद्धालुओं ने नाच-गाकर भक्ति गीतों का आनंद लिया और भगवान का गुणगान किया। साथ ही, मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना कर परिवार और समाज की खुशहाली एवं समृद्धि की प्रार्थना की गई।
सौहार्द और प्रेम के संदेश के साथ संपन्न हुआ पर्व
इस पावन आयोजन के दौरान श्रद्धालुओं ने आपसी प्रेम और सौहार्द के साथ एक-दूसरे को शुभकामनाएं दीं। मंदिर समिति के सदस्यों ने कहा कि यह पारंपरिक उत्सव आगे भी इसी श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता रहेगा। यह आयोजन धार्मिक आस्था को सुदृढ़ करने के साथ-साथ सामाजिक समरसता और भाईचारे का संदेश भी देता है।
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